लिस्तेरिया मोनो -साइटों -जींस एक ऐसा आम फ़ूड बग है जो चीज़ ,कोल्ड मीट प्रोडक्ट्स ,मच्छी ,सलाद तथा अपास्तुरिकृत (अन -पेश्च्यु -रा -इड)मिल्क में आम पाया जाता है .इसी का एक वेरिएंट है जो दिल के लिए ख़तरा -ए -जान बन गंभीर किस्म के हृद रोगों के खतरे के वजन को बढाता है ।
इलिनॉय ,शिकागो विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने इसकी कुछ ऐसी मारक स्ट्रेंस का पता लगाया है जो उन लोगों के हार्ट टिश्यु पर धावा बोल देतें हैं जो पहले से ही हृद रोगों की चपेट में हैं .हार्ट वाल्व बदली करवा चुके लोग भी इन फ़ूड बग्स के निशाने पर आ जातें हैं ।
चूहों पर संपन्न आज़माइश से पता चला है लिस्तेरिया कि इन मारक स्ट्रेंस से रोग संक्रमित चूहों के हृदय में १५ गुना ज्यादा बेक्टीरिया पाया गया बरक्स उन चूहों के जिहें लिस्तेरिया से ही इन्फेक्ट (रोग संक्रमित )किया गया था ।
अध्ययन से इन स्ट्रेंस की शिनाख्त में मदद मिलेगी .नए तरीके हाथ आयेंगें ।
लिस्तेरिया -मोनो -साईं -टो -जींस सोइल (मिट्टी )और वनस्पति में व्याप्त रहता है .५%लोगों की आँतों में भी यह चुप चाप पड़ा रहता है .निम्न तापमान पर यह तेज़ी से ग्रो करता है .सोफ्ट चीज़ ,रा-वेजितेबिल्स ,कोल्ड मीट प्रोडक्ट्स ,फिश ,सलाद ,अपास्तुरिकृत दूध में यह डेरा डाले रहता है ।
बेशक लिस्तेरिया से होने वाला रोग संक्रमण फ्ल्यू जैसे लक्षण और अपसेट स्टमक तक ही सीमित नहीं रहता ब्लड और नर्वस सिस्टम से सम्बंधित गंभीर रोग भी इससे पैदा हो जातें हैं ।
लेकिन लिस्तेरिया स्ट्रेंस ने अपनी सतह की प्रोटीनों को संशोधित कर लिया है .यही दिल को निशाना बनातीं हैं ।
बेक्तीरिय्ल जेनेटिक मार्कर्स की मदद से साइंसदान रोग निदान की नै तरकीबें ढूंढ रहें हैं .
रविवार, 30 जनवरी 2011
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