सोमवार, 5 जुलाई 2010

होमियो -पैथी की बुनियाद है यह तो ...

नोबेल प्राइज़ विजेता लुक मोंताग्निएर ने वायरल -इन्फेक्संस की शिनाख्त (विषाणु से पैदा होने वाले संक्रमणों का पता लगाने का एक ऐसा तरीका प्रदर्शित किया है जो होमिओ-पैथी की मूलभूत अवधारणाओं ,बुनियाद का पर्याय प्रतीत होता है .आप एच आई वी (ह्यूमेन इम्म्युनो -दिफिशियेंसी -वायरस )और एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो दिफिशियेंसी सिंड्रोम )के बीच सम्बन्ध की पुष्टि करने वाले साइंसदान रहें हैं .इसलिए उस दौर में जबकि ब्रिटिश मेडिकल असोशिएसन चिकित्सा की इस प्राणाली को नीम -हकीमी बता सरकारी अनुदान को निलंबित करने की ज़ोरदार मांग उठाती रही है ।
आइये देखतें हैं क्या है यह नवीन टेक्नीक .ब्रितानी मेडिकल सभा की सालाना बैठक के समक्ष लुकने यह तरीका विस्तार से गत सप्ताह ही समझाया है ।
लुक के अनुसार रोग पैदा करने वाले जीवाणु और विषाणु के डी एन ए के विलियन (सोल्युसंस )कम आवृत्ति के रेडियो -तरंगे (विद्युत् -चुम्बकीय विकिरण )निकाल सकतें हैं (निसृत ,उत्सर्जित ,एमिट )कर सकतें हैं .यह तरंगें आस पास के जल को "नेनो -स्ट्रक्चर्स "में समायोजित होने अरेंज होने के लिए प्रेरित कर देतीं हैं .इतना ही नहीं अब यह जलीय -अनु (वाटर मोलिक्युल्स )खुद भी रेडियो तरंगे छोड़ने लगतें हैं .जल का तरंगे छोड़ते रहने का गुण ज़ारी रहता है ,चाहें विलियन को कितना भी तनुकृत ,कम स्ट्रेंग्थ का ,यानी दायाल्युत करते चलो ।फिर -
चाहें तनुकृत होते होते ओरिजिनल डी एन ए ही प्रभावी तौर पर ला पता हो जाएँ ।
अब ज़रा गौर कीजिये -यही तो होमियो -पैथी की आधार -भूमि है ,बुनियाद है ,यहाँ -वाटर केंन रितेंन दी "मेमोरी "ऑफ़ सब्स्तेंसिज़ विद विच ईट हेड बीन इन कोंटेक्ट .इसी याददाश्त का ,एमिसन ज़ारी रहने का ,डॉ. दोहन और शोषण कर सकतें हैं ।
होमिओ -पैथी का सीधा सा सिद्धांत है "किसी विष (तोक्सिन )की न्यूनतम राशि (मात्रा ,मिनिमम अमाउंट ऑफ़ ए सब्सटेंस )उन लक्षणों को ठीक कर सकती है जो इस तोक्सिन की बड़ी मात्रा (लार्ज अमाऊ -नट्स )से पैदा होजातें हैं .यानी ज़हर की न्यूनतम राशि ,अधिकतम की काट है .ज़हर ही ज़हर को मारता है .

5 टिप्‍पणियां:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

यह खबर होमियोपैथी के विरोधियों के मुहँ पर ताला जड़ देगी।

Jandunia ने कहा…

nice post

Satish Saxena ने कहा…

डॉ अरविन्द मिश्र जी ने आपकी पोस्ट का लिंक दिया है उनका आभार ! होमिओपैथी में आपकी रूचि जानकार अच्छा लगा , इसी विषय पर होमिओपैय्ही के विरोधियों के लिए एक पोस्ट लिखी है , जब समय हो अवश्य देखिएगा ! शायद आपको अच्छा लगेगा !

http://satish-saxena.blogspot.com/2010/07/blog-post_05.html

Satish Saxena ने कहा…

अग्रिम स्वीकृति की आशा रखते हुए , आपका रेफेरेंस अपनी पोस्ट पर देते हुए, आपकी प्रकाशित सामग्री का उपयोग कर रहा हूँ !
सादर

PS: please remove word verification , it serve no purpose but inconvenience to the comments box users only.

bhuvnesh sharma ने कहा…

होम्योपैथी के बारे में खोजते हुए आपके ब्लाग तक पहुँचा हूँ... मेरे छोटे शहर में कोई योग्य होम्योपैथी चिकित्सक नहीं है... खुद इसके बारे में पढ़ना चाहता हूँ.... कुछ पुस्तकें यदि हिन्दी में हों तो कृपया सुझायें
धन्यवाद