हाउ दी पेट स्कैन वोर्क्स ?
जहां रोग निदान की अन्य प्रचलित तकनीकें "एक्स रेज़ ",मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग , "सी टी स्कैन आदि मनुष्य की शरीर रचना वैज्ञानिक जानकारी ,यथा ,साइज़ ,शेप और स्ट्रक्चर की खबर देतीं हैं ,वहीँ "पेट स्कैनर बतलाता है ,कोशिका क्या कर रही है .
बस मरीज़ के शरीर में इन्त्रावेनस इंजेक्सन के ज़रिये अल्पांश में (ट्रेस अमाउंट )में रेदिओएक्तिव ग्लूकोज़ पहुंचा कर उसे "स्कैनर की टनेल में धीरे से सरका दिया जाता ही .अब रेडियोधर्मी पदार्थ ग्लूकोज़ जो विकीरण छोड़ता है ,स्कैनर उसे त्रि -आयामीय इमेज में तब्दील कर देता है .स्कैन कोशाओं के ग्लूकोज़ खर्च करने की दर,मेटाबोलिज्म का पता देता है .हाई -मेटाबोलिज्म का मतलब कोशाओं का कैंसर ग्रस्त होना समझा जाता है ।
यदि रसायन चिकित्सा के बाद मेटाबोलिज्म लो है,मतलब होगा ड्रग रेस्पोंद कर रही है .मुफीद है ,फायदा है ,ट्यूमर का आकार कम हो रहा है .कैंसर की जल्दी से जल्दी शिनाख्त एहम मसला रहा है .रोग बढ़कर बे -काबू हो जाने ,टर्मिनल स्टेज तक आ जाने पर नाउम्मीदी ही हाथ लगती है .सी टी स्कैन और पेट स्कैन का संयोजन डायग्नोसिस को पंख लगा चिकित्सकों के हाथ मजबूत कर सकता है .
बुधवार, 7 जुलाई 2010
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