कहा तो यही गया है -"ए मेन इज नोटी आफ्टर फोर्टी "लेकिन अधुनातन रिसर्च के नतीजे कुछ और कह रहें हैं .'वोमेन एन्जॉय सेक्स बेस्ट एज दे नियर ४० '।देखें :-दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ८ ,२०१० .
शायद वह जानती हैं और अच्छी तरह से मानती है "दी बायलोजिकल क्लोक इज टिकिंग"उम्र के साथ छीजने लगती है उर्वरकता (फर्टिलिटी ,गर्भ -धारण की कुदरती क्षमता ).समबुद्धि भी बहुतकुछ समझा जाती है .आखिर' ए वोमेन हेज़ सिक्स्थ सेन्स '।
रिसर्च से पता चला है तीस और चालीस के पेटे में आने पर ही भले ही फर्टिलिटी छीजतीहै लेकिन सेक्स्युअलफेंतेसीज़ और संबंधों को पंख लग जातें हैं . मन पाखी ऊंची और ऊंची उड़ान भरने लगता है .शम्मा बुझने से पहले प्रदीप्त होती है और भी रोशन होती है ।
यह सर्वे ९०० महिलाओं के साथ साक्षात कार के बाद संपन्न हुआ है ।
प्रतिभागियों को तीन समूहों में रखा गया .पहले में १९ -२६ सालाअधिकतम प्रजनन क्षम युवतियां ,दूसरे में २७ -४५ साला मोतार्माएं (छीजती रहती है इस सौपान में फर्टिलिटी )तथा तीसरे में मिनोपोज़ के करीब पहुँचती प्रौढा -एँ।
दूसरे वर्ग की महिलायें ज्यादा मुखर दिखी मन -चाही मनभावन कल्पनाओं की उड़ान भरतीं ,कर लो दुनिया मुठ्ठी में वाले अंदाज़ में नजर आईं .मौज मस्ती की शेष बची लघु अवधि में रंगरलियाँ मना लो.
टेक्सास यूनिवर्सिटी के लीड रिसर्चर दविड़ बुश कहतें हैं ,घटती हुई प्रजनन क्षमता के साथ यौन संसर्ग में मोतार्माओं की दिलचस्पी बढती है इस बात का खुला सा साफ़ तौर पर हुआ है ।
"परसेनालिटी एंड इन्दिविज्युअल दिफ्रेंसिज़ जर्नल" में इस विश्लेसन परक सर्वे के नतीजे प्रकाशित हुएँ हैं ।
शुक्रवार, 9 जुलाई 2010
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