शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

अमरीकी गौरैय्या बन रही है "बर्ड्स -फ्लू "का रोग्कारी वाहन ..

गवैया गौरैया (अमरीकी मूल की एक छोटी सी ब्राउन और ग्रे चिड़िया स्पारो )तथा थ्रुष (ए बर्ड विद ए ब्राउन बेक एंड ब्राउन स्पोट्स ओंन इट्स चेस्ट ,ए सोंग बर्ड )लो रिस्क बर्ड फ्लू का वाहन बन रहीं हैं ।
अमरीकी साइंसदानों के मुताबिक़ "पिग्स "और "पोल्ट्री "(मुर्गी ,बतख आदि )तक यही इस विशाणु को पहुंचाती है ।
बेशक यह लो पैथोजेनिक एवियन इन्फ़्ल्युएन्ज़ा वायरस है लेकिन परस्पर जींस की अदला बदली खतरनाक उत्परिवर्तनों(जींस म्युतेसंस )की वजह बनती है ।
इन्फ़्लुएन्ज़ा की नै नै स्त्रैंस यहीं से हवा लेतीं हैं ,पनपती हैं पिग्स में जो नायाब "मिक्सिंग वेसिल्स "बन जातें हैं .इसीलिए तो साल दर साल एक अभिनव असर कारी टीका चाहिए एच एन ए इन्फ़्लुएन्ज़ा -ए जैसे वायरसों की काट के लिए ।
यहीं से विश्व -व्यापी महा -मारी बन जाता है "इन्फ़्लुएन्ज़ा ".पेंदेमिक जो बारहा सारी दुनिया की परेशानी का सबब बनता रहता है .इस अध्धय्यन के नतीजे "बिओमेद सेन्ट्रल जर्नल "बीएमसी" इन्फेक्शस डिसीज़ में प्रकाशित हुए हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-"यूं एस सोंग बर्ड केरी लो -रिस्क बर्ड फ्लू "(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ८ ,२०१० )

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