मधुमेह रोगियों को कई मर्तबा धीमे रक्त प्रवाह की समस्या से भी दो चार होना पड़ता है .इसे सुचारू बनाए रखने के लिए व्यायाम करना बहुत ज़रूरी है ,चाहे वह चहल कदमी ,टहल -कदमी ही हो ,ज़रूरी नहीं है जोग्गिंग तेज़ कदमी ।
दिन भर में १०,००० कदम चलें ।
बुजुर्गों ,उम्रदराजों के लिए क्या सभी के लिए सैर करना बहुत अच्छा है .रिवोल्विंग चेयर पर बैठने की कोशिश करें .
बैठते समय टांगें मोड़ कर न बैठें ,फैलाकर बैठना भला है सर्क्युलेसन के लिए ।
सबसे ज्यादा खतरनाक है इक जगह चिपक कर बैठजाना ,बुद्धू बक्सा हो या टीवी या फिर हवाई जहाज का लम्बा सफ़र ।
ब्रेक लें -
टाँगे खोलें .स्ट्रेच करें बारहा हर घंटा दो के बाद .
धूम्र पान बिलकुल न करें .निकोटिन धमनियों की दीवारों को खुरदरा ,संकरा और फिर आर्टीरियो -स्केले -रोसिस की ओर ले जाती है .डायबिटीज़ एंड स्मोकिंग इज दी-
वर्स्ट कोम्बिनेसन .दी टू टोगेदर डू नोट कम्बाइन .बचाव में ही बचाव है सर्क्युलेसन इज दी' की' .कीप इट रेग्युलेटिड .
शुक्रवार, 11 मार्च 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें