पहले समझें "बूट अप "क्या है ?
यह कंप्यूटर प्रणाली से जुड़ाएक पारिभाषिक शब्द है जिसका अर्थ है अपने कंप्यूटर को काम करने के लिए तैयार करना .इसके लिए कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम्स को लोड करना पड़ता है ।
अब तक "बेसिक इनपुट /आउट पुट सिस्टम टेक्नोलोजी यानी "बी आई ओ एस "गत पच्चीस सालों से चलन में थी .इसे १९७९ में डिजाइन किया गया था .इसे बेशक बूट होने में अपेक्षाकृत ज्यादा वक्त लगता है .इसका स्थान अब तेज़ी से लेने जा रही है एक न्यू -स्टार्ट अप सोफ्ट वे -यर जो नै पीढ़ी के कम्प्यूटर्स को एक मोड से दूसरे तक ऑनसे ऑफ़ और ऑफ़ से ऑन तक लाने में ना मालूम सा वक्त लगाएगी .मोडर्न कम्प्यूटिंग की ज़रूरीयात को यही नै प्रोद्योगिकी पूरा करेगी जिसे "यु ई ऍफ़ आई ''यानी यूनी-फा -ईद एक्स -टेंसिबिल फ़र्म -वे-यर इंटरफेस "कहा जा रहा है ।
वह शुरूआती मॉस कम्प्यूटिंग का दौर था तब से लेकर अब तक कम्प्यूटिंग सागर में बहुत पानी बह चुका है चुनाचे इस अर्वाचीन बी आई ओ एस प्रणाली को वक्त के साथ साथ चलने "यु एस बी कनेक्तिद की बोर्ड्स "या फिर फ्लेश -ड्राइवज़ से ताल में रखने बिठाने में खासा संकट पेश आने लगा था ।
यु ई ऍफ़ आई अधुनातन सिस्टम्स के ज्यादा अनुकूल है की बोर्ड्स के अलावा अलग अलग पोर्ट्स से इसे आसानी से समायोजित किया जा सकता है ।
ईट इज ए मोर एदेप्तिबिलसिस्टम देत कैन कोप विद की बोर्ड्स एंड पेरिफराल्स बींग कनेक्तिद तू डिफरेंट पोर्ट्स .दिस कैन आल्सो बी यूस्ड तू सपोर्ट दी नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ़ टच स्क्रीन्स एंड नेच्युरल जेस्चर इंटर -फेसिज़ ।
सन्दर्भ -सामिग्री :वेट ओवर :टेक देत मेक्स पी सीज बूट अप इन सेकिंड्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,न्यू -देल्ही ,अक्टूबर ५ ,२०१० ,पृष्ठ १७ ).
मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010
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