रविवार, 24 अक्तूबर 2010

क्या वाहियात बात है ......

अगली मर्तबा अब जब भी आपको वाइन पीने का जी मचले ,तलबगार हों आपवाइन के (रेड या वाईट ) इसे अपनी बुद्धिमत्ता का परिचायक मानिए .एक नवीन अध्ययन का यही फलसफा है ।
इस अध्ययन के तहत इंटेलिजेंस का जायजा तमाम प्रतियोगियों का १६ साल की उम्र से पहले लिया गया .अब जैसे जैसे अध्ययन में भाग लेने वाले प्रतियोगी बड़े होते गये (उम्र दराज़ हुए )इनकी पीने की आदत का बराबर जायजा लिया गया ।
बुद्धिमत्ता में जो बच्चे आगे थे वह अकसर शराब (शराब कामतलब यहाँ वाइन से ही लें )भी ज्यादा बार लेते देखे गए .पीते भी अपेक्षाकृत ज्यादा थे .बरक्स इंटेलिजेंस में पिछाड़ियों से ।
क्या वाहियात बात है,भले यह एक रिसर्च रिपोर्ट है लेकिन इससे गलत सन्देश भी जा सकता है ।
एक किस्सा सुनातें हैं .हमने धुआंधार तरीके से तकरीबन बीस सालों तक बीडी सिगरेट पीने के बादयह बीमारी छोड़ दी .अब हम बतौर एक्स -स्मोकर लोगों को धूम्रपान(स्मोकिंग ) के नुक्सानात बताने समझाने लगे ।
लोगों के इंटर -व्यू लिए .भाई साहिब कैसे यह बुरी लत लग गई .एक साथी कहने लगे आइन्स्टाइन सिगार और पाइप पीते थे .साधू ,फ़कीर ,दार्शनिक ऐसा ही करते हैं .मैंने कहा आइन्स्टाइन सिगार भी पीते थे लेकिन हर सिगार पीने वाला आइन्स्टाइन नहीं होता है .हमें डर है इस रिसर्च रिपोर्ट कागलत सन्देश न जाए .इसीलिए यह किस्सा सुनाया .युवा भीड़ पहले ही drunko -reksia से जूझ रही है ।

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