मेन रेज्ड विद वोमेन लेस सेक्सी :(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर २५ ,२०१० )।
रिसर्चर्स ने पता लगाया है वह पुरुष जो ज्यादा बहिनों के बीच में बड़े होतें हैं ,कम सेक्सी पाए जाते हैं .अध्ययन के मुताबिक़ बहुत सारी बहिनों के बीच जिनकी परवरिश होती है उनमे बेशक उनका विषमलिंगी स्वभाव असरग्रस्त नहीं होता है लेकिन उनकी देहिक -भाषा ,स्वभावगत विलक्षण -ताएँ ,उठ -बैठ ,कुलमिलाकर आदतें मेनारिज्म उतनी पुर्षोचित नहीं रह जाती है ,स्तरेंन भाव(फेमिनिटी ) आजाता है .बरक्स उन मर्दों के जिनकी परवरिश पुरुष प्रभुत्व वाले माहौल में होती है .यानी नर्चर (परवरिश )स्वभाव और हाव -भाव ,आदतों को प्रभावित करती ही है .नेचर और नर्चर का विवाद पुराना है .दोनों के अपने अपने आयाम हैं .प्रकटीकरण हैं .आदमी सिर्फ अपने जीवन -खण्डों (जींस )का ज़मा जोड़ नहीं है .परवरिश और माहौल भी स्वभाव को ढालते हैं .मेनारिज्म को बदल देते हैं .यूं पुरुषों में इस्त्रेंन भाव और महिलाओं में पुरुषोचित गुण - धर्म भी होते ही हैं । सवाल उनके प्रभुत्व का है .
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