लैप टॉप्स कैन काज टोस्ट -ईड स्किन सिंड्रोम (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,न्यू -देल्ही ,अक्टूबर ५ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
लोग अकसर अपने लाडले लैप -टॉप को गोद में रखकर काम करते हैं .आपने भी कभी कभार ही सही ऐसा किया होगा ।
चिकित्सा माहिरों के अनुसार लैप -टॉप से पैदा गर्मी दीर्घावधि एक्सपोज़र के बाद "टोस्ट -ईड स्किन सिंड्रोम ''की वजह भी बन सकती है .फिर निहारते रहो अपनी मोटिल्ड स्किन को ।
क्या है मोटिल्ड स्किन ?
इन दिस कंडीशन दी स्किन इज मार्कड विद पैचिज़ ऑफ़ डिफरेंट कलर्स विद -आउट एनी रेग्युलर शेप और पैट्रन ।
यानी एक रंगरेजवा बन सकता है आपकी चमड़ी के लिए आपका लैप -टॉप .ऐसा ही अक्सर हीटिंग पैड्स के ज्यादा स्तेमाल से हो सकता है .इतर (दूसरे ) ऊष्मा स्रोत भी हैं जो चमड़ी को जलाते तो नहीं बे -नूर ,बे -आभा ज़रूर कर देतें हैं .बेशक इसकी कोई नुकसानी नहीं है लेकिन दीर्घावधि में चमड़ी डार्क तो पड़ ही सकती है .बद रंग और बद -शक्ल तो हो ही सकती है ।
स्विस रिसर्चरों के अनुसार कभी -कभार किसी बिरले मामले में यह हीट एक्सपोज़र चमड़ी-कैंसर का भी वायस (कारण )बन सकता है .इसलिए सावधान रहिये अपने लाडले लैप -टॉप से भी ज़नाब .
मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010
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