लम्बी दूरी की थकाऊ उड़ान की कीमत अकसर टांगों और हमारी जंघाओं को चुकानी पडती है .लम्बी दूरी उड़ान के दौरान काल्फ़ जैसी डीप वैन्स(निचली शिराओं में )खून का थक्का बनने लगता है .साथ में बेहद का दर्द और सोजिश (इन्फ्लेमेशन )बस यही है 'डीप वैन थ्रोम -योसिस'के लक्षण .
डी वी टी का समाधान भी सीधा सरल है .हर एक घंटे के बाद प्लेन में एक सिरे से दूसरे तक मटरगश्ती कीजिये .टांग लटकाए बैठे मत रहिये .खूब पानी पीजिये (हाई -डरै -टिड रखिये शरीर को .).हो सके तो पैरों को एलीवेटिड रखिये कैसे भी ।
आजकल फ्लाईट के दौरान पहने जाने वाले विशेष मौजे (शोक्स )भी उपलब्ध हैं ।
'स्चोल्ल ,स फ्लाईट शोक्स 'ख़ास ग्रेज्युएतिद कम्प्रेशन होजरी से तैयार किये गए हैं .ये रक्त प्रवाह को टांगों की और मोड़ कर दिल तक ले जातें हैं .इस एवज लेग्स पर दवाब (प्रेशर )डालते हैं ये शोक्स (मोर एट दी एन्किल दें एट दी नी टू फेसिलिटेट अप्वर्ड्स स्क्वीज़िंग )दस रिद्युसिंग दी रिस्क ऑफ़ डी वी टी .
शनिवार, 30 अक्तूबर 2010
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