शुक्रवार, 29 अक्टूबर 2010

बुढापे को १२ साल आगे खिसका सकता है नियमित वातापेक्षी व्यायाम ...

"१२" (दी नंबर ऑफ़ ईयर्स बाई व्हिच रेग्युलर एक्सरसाइज़ कैन डिले एजिंग ).सोर्सअ :दी ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसन ।
खेल -कूद चिकीत्सा से ताल्लुक रखने वाली एक पत्रिका (ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसन )के मुताबिक़ रोजाना ऐसा व्यायाम करते रहने से जिसमे ऑक्सीजन की भरपूर खपत होती है हमारी अपनी जैविक घड़ी की सुइयों को रोका भी जा सकता है ।
इस एवज़ नियमित साइकिल भी चलाई जा सकती है ,जोगगिंग भी (तेज़ टहल कदमी )भी .बेहतरीन हृद -वाहिकीय (कार्डियो-वैस्क्युलर एक्सर -साइज़ )कसरत में शुमार किया जाता है दोनों को ही .दोनों ही किस्म की ये कसरतें पेशीय - ताकत के कम होने को लगाम देतीं हैं .अलावा इसके उम्र के साथ कम होजाने वाली ऑक्सीजन खपत को भी कम होने से रोकने में मददगार सिद्ध होतीं हैं यह एरोबिक -एक्सर -साइज़िज़।
बोनस के रूप में त्वचा की चमक को ,कुल मिलाकर नूर को बनाए रहती है नियमित वाता -पेक्षी कसरत .क्योंकि रक्त संचरण में सुधार के साथ -साथ चमड़ी तक ज्यादा ऑक्सीजन आपूर्ति होती रहती है इन कसरतों के चलते .

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