सोमवार, 25 अक्टूबर 2010

पेड न्यूज़ की लीला .....(ज़ारी )

आखिर सशुल्क समाचार यानी पेड न्यूज़ का पूरा मतलब क्या है ?
इस आलेख में गलती से सशुल्क -समाचार की जगह सशुक्ल समाचार छप गया है .गलती के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूँ ।
सशुल्क -समाचार विज्ञापन और सही खबर के बीच की एक नै विधा है "जानर"हैजो हमारे रहनुमाओं को बहुत रास आ रही है. पत्रकारिता के निगमिकृत होने का खमियाजा पब्लिक भुगत रही है .अब हालत यह है ,पैसा दो खबर छपवाओ .सशुल्क समाचार खबर के आवरण में एक प्रकार का विज्ञापन है .विज्ञापन को लेख यहाँ तक की सम्पादकीय के रूप मेप्रस्तुत करने का कौशल है ।
नहीं पूज्य कोई आलंबन ,फिर भी हैं इतने वन्दीजन ,
देखा अजब तमाशा यारों ,पूरा शहर धिं -ढोर -ची ,
शब्द ढोल के हुए मिरासी ,पूरा शहर धिं -ढोर -ची .

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