यह एक कंप्यूटर आकलित प्रणाली है जो शरीर की आकृति (बॉडी शेप )का जायजालेकर मोटापे की (ओबेसिटी )की शिनाख्त करती है .इसके दोहराव ,बारहा मापन सेसमय बीतने के साथ -साथसेहत से जुड़े रिस्क फेक्टर्स का बेहतर तरीके से पता लगाया जा सकता है ।
इसे विकसित किया है ब्रिमिन्घम की एक रिसर्च कम्पनी सलेक्ट रिसर्च ने .तीन साला मान्य रहने के बाद इसे औपचारिक तौर पर अब मीडिया ,स्वास्थ्य- सेवा प्रदाताओं और अकादामिश्यनों को प्रस्तुत किया जा रहा है ।
इसके विकास पर जनवरी २००० से शोध -कार्य चल रहे थे .हार्ट -लैंड होस्पितल्स ,नेशनल हेल्थ सर्वे ओबेसिटी सेंटर ,यु के इससे सम्बद्ध रहें हैं .मार्च २००७ में इसे सार्वजनिक तौर पर पेश किया गया .तब से इसका लगातार संवर्धन -परिष्करण आदिनाक ज़ारी था ।
सेंट्रल ओबेसिटी और वजन से जुड़े खतरों का बेहतर तरीके से यह आकलन प्रस्तुत करता है .इसे बॉडी मॉस इंडेक्स के बेहतर और ज्यादा भरोसे -मंद विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है ।
बी एम् आई सिर्फ कुल द्रव्य -भार (मॉस /वेट )का जायजा लेता है .कहाँ कितना मॉस है इसकी खबर नहीं देता है .बी वी आई इस की खबर देता है .द्रव्य -भार (मॉस )और आयतन विभाजन (वोल्यूम डिस्ट्रीब्यू -शन) की पड़ताल करता है .कहाँ कितना मॉस है ,शरीर के किस हिस्से में कितनी चर्बी जमा है इसका पता लगाता है ।
एक त्रि -आयामीय बॉडी स्केनर से शरीर के आठ अलग अलग हिस्सों में कहाँ कितना पेशियों का ,कितना चर्बी का भार है इसका सही जायज़ा लेता है बी वी आई .शरीर का कुल आयतन और शरीर के मुख्य हिस्सों का आयतनं ,कौन सा हिस्सा कितनी जगह घेरे है कितना वजनी है ,वजन पेशीय है या चर्बी का सबकी पड़ताल करता चलता है ।
ज़ाहिर है यह बी एम् आई ,वेस्ट -सर्क्मफ्रेंस ,वेस्ट -हिप रेशियों की भी खबर देता है .शरीर की आकृति ,डील -डौल ,जमा चर्बी का आयतन और भार सेहत की खुली खबर देता है .खतरों की बेहतर प्रागुक्ति भी हो जाती है ।
एक ही बी एम् आई वाले मरीजों में यह उक्त घटकों के आधार पर ही अंतर करता है .शरीर के किस हिस्से का कितना आयतन है ,कौन सा हिस्सा कितनी जगह घेर रहा है ,किस हिस्से में कितनी चर्बी जमा है यह पाठ सबका जुदा आयेगा जबकि बी एम् आई भले ही यकसां है .कुल कितने %चर्बी का भार है शरीर के कुल भार में ,उम्र ,आंचलिकता ,लिंग (सेक्स )सभी का ख़याल रखा जाता है इसके निर्धारण में ।
न कोई विकिरण न कोई चीड फाड़ (एक दम से नॉन -इन्वेज़िव तरीका है बी वी आई के आकलन का )बस ७ सेकिंडों में एक मरीज़ का बी वी आई हाज़िर .बी एम् आई यकसां फिर भी जुदा जुदा आकृतियाँ जुदा किस्म के जोखिम .समय के साथ फेट और वेट का जायजा और हिसाब खाता रखकर बेहतर जोखिम का पूर्व आकलन प्रस्तुत करता है बी वी आई ।
मयो क्लिनिक ,रोचेस्टर ,मिन्नेसोता (यु एस ) नैदानिक शोध परीक्षण ज़ारी रहे हैं .एक दिन में तैयार नहीं हुआ है .बॉडी वोल्यूम इंडेक्स ।
और इसीलिए अब मसल ,फेट ,का अंतर जाना जा सकता है शरीर -आकृति के कंप्यूटर आधारित आकलन से .कुल वजन में कहाँ किसकी कित्ती हिस्सेदारी है यह भी .
मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010
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