इंडियन वेगीज़ ,फ्रूट्स रिमैन हाइली टोक्सिक .पेस्टी -साइड्स मच हायर देन योरोपियन स्तेंदर्ड्स(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ३१ ,२०१० ,पृष्ठ ९ ,नै -दिल्ली संस्करण ,केपिटल )।
एक गैर सरकारी संगठन 'कन्जूमर वोईस 'के अनुसार भारत के खाद्यों में स्तेमाल होने वाले नाशी -जीवनाशियों (पेस्टी -साइड्स )का क्वांटम (मात्रा ) योरोपीय मानकों से ७५० गुना ज्यादा है .प्रतिबंधित पेस्टी -साइड्स का स्तेमाल धड़ल्लसे फल और तरकारियों पर आजमाया जा रहा है ।
भारतीय किसान बे -झिझक होकर क्लोर -डैन ,एन्द्रिन ,हेप्टा -कोर जैसे नाशी -जीव -नाशियों को काम में ले रहा है .फसलों पर इनका छिडकाव ज़ारी है .उक्त संगठन ने दिल्ली ,मुंबई और बेंगलुरु से खुदरा और थोक विक्रेताओं से नमूने उठाकर विश्लेसन किया है ।
भारतीय बाज़ारों में मिलने वाली तरकारियों में अंतर -राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित पांच में से चार पेस्टी -साइड्स मौजूद पाए गयें हैं ।
कंज्यूमर वोईस के मुखिया सिसिर घोष के मुताबिक़ करेला और पालक में यह पाए गएँ हैं ."करेला और नीम चढ़ा कहावत चरितार्थ हो गई है ।
ज़ाहिर है इससे उपभोक्ताओं को तमाम तरह के न्युरोलोजिकल डिस -ऑर्डर्स के अलावा किडनी डेमेज और चमड़ी के विकारों का ख़तरा पैदा हो गया है ।
प्रतिबंधित पेस्टी -साइड्स में से 'क्लोर -डेन' एक तेज़ (असरकारी )सेंट्रल नर्वस सिस्टम टोक्सिन है .यह केन्द्रीय स्नायुविक तंत्र को प्रभावित करता है ।
'एन्द्रिन' सिर दर्द के अलावा ,मचली(वोमिटिंग या मतली ) ,चक्कर आना आदि लक्षण पैदा कर सकता है .हेप्टा -कोर यकृत को नुकसान पहुंचाने के अलावा बच्चे पैदा करने की क्षमता कम कर सकता है .
तमाम जांच सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में की गई जिनमे एन ए बी एल तथा अर्ब्रो एनालेटिक डिवीज़न भी शामिल रहीं हैं।
पता चला 'भिन्डी 'यानी लेडीज़ -फिंगरमें एक विषाक्त पेस्टी -साइड्स 'कप्तान '(सीएपीटीएएन )१५,००० पार्ट्स पर बिलियन मौजूद था .जबकि योरोपीय मानक २० पी पी बी ,ही है .फूल गोभी में मलाथियंन पेस्टी -साइड्स योरोपीय मानकों से १५० गुना ज्यादा पाया गया ।
आलू ,टमाटर ,स्नेक गौर्द (तोरई की एक किस्म ),घीया ,बंद -गोभी ,खीरा ,पम्पकिन (सीताफल ) आदि की जांच भी की गई .बात साफ़ है ,प्रतिबंधित पेस्टी -साइड्स के उत्पादन और आयात दोनों पर ही रोक लगनी चाहिए .न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी .
इससे पहले इसी संगठन ने इसी माह एक दर्जन फलों की जांच की थी जिनमे केला ,सेब (एपिल )अंगूर ,आदि में निर्धारित निरापद समझी जाने वाली मात्रा से कहीं ज्यादा पेस्टी -साइड्स पाया गया था .इनमे इंडो -सुप्ल्हन ,कप्तान ,थिअक्लोप्रिड ,परथिओं ,तथा डी डी टी के अवशेष भी मिले हैं .
रविवार, 31 अक्तूबर 2010
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