Now ,एअरपोर्ट स्केनर्स कैन रिवील व्हाट इज इनसाइड बोटिल्स .(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर २६ ,२०१० )।
अब उड़ान के दरमियान आप अपनी ड्रिंक्स साथ ले जा सकेंगें .साइंसदानों ने एक ऐसी एक्स -रे मशीन ईज़ाद करली है जो पेय -पदार्थों तथा विस्फोटक तरल -पदार्थों के बीच विभेद कर सकती है .इंग्लैंड की डरहम यूनिवर्सिटी के साइंसदानों ने एक ऐसा स्केनर तैयार कर लिया है जो पानी और विस्फोटक तरल -पदार्थों में अंतर कर सकता है .इतना ही नहीं यह डिवाइस बार -कोड की भी शिनाख्त कर पता लगा सकती है ,इसके साथ कोई छेड़ -छाड़ तो नहीं की गई है .इस मशीन को योरोपीय यूनियन की मंजूरी मिल चुकी है तथा इसका स्तेमाल हवाई -अड्डों पर किया जा सकेगा .अप्रेल २०११ में यह हवाई -अड्डों पर दिखलाईभी देने लगेगी ।
२००६ में हेंड -लगेज में किसी भी प्रकार का तरल ले जाने पर प्रति -बंध लग गया था .इसी साल तरल के रूप में विस्फोटक पदार्थ पकड़ा गया था ।
बेहद संवेदी है यह एक्स -रे मशीन जो इस लघुतर तरंग की अलग अलग लम्बाई (वेवलेंग्थ )में फर्क कर सकती है .जहां परम्परा गत मशीन ब्लेक एंड वाईट में दिखलाती है किसी वस्तु को यह उसकी रंगीन छवि (अलग अलग वेवलेंग्थ )प्रस्तुत करती है .वेव -लेंग्थ का मतलब रंग ही होता है .लम्बी लाल छोटी नीली होती है .बार -कोड को बाखूबी बांचती है यह मशीन .टेम्परिंग इसकी तेज़ निगाह से बच नहीं सकती .
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