वे टू सेफ मदरहुड ।
भारत में हर साल ७०,००० महिलायें प्रसव के दौरान मर जाती हैं .इनमे से ७०%को बचाया जा सकता है ,बा -शर्ते ये महिलाए स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच में आ जाएँ .स्वास्थ्य सेवायें इनके घर -दुआरे आ जाएँ .प्रसव -पूर्व नियमित जांच की सुविधा इन्हें मयस्सर हो .फोलिक एसिड और आयरन की गोलियां गर्भ -काल में मिलती रहें ।
जोर्डन की राजकुमारी तथा सुरक्षित मातृत्व की पैरोकार सारा (सरह )ज़इड का यही कहना है ।
बेशक 'वाईट रिबन एलाएंस' तथा' संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष' ,कई अन्य भारत में सुरक्षित मातृत्व को पुख्ता करने की दिशा में कार्य -रत हैं ।
गत सितम्बर मॉस में ही इस सांझा फोरम ने एक डोक्यु -मेन -टरी दिल्ली वासियों को 'स्टोरीज़ ऑफ़ मदर्स सेव्ड 'दिखलाने की पहल है .इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है .स्त्री -सशक्ति -करण की दुहाई देने वाली सरकार इस दिशा में पहल करे तो बात बने .
शनिवार, 30 अक्तूबर 2010
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