क्योंकि जोरू के साथ बाद दोपहर की तकरार में ,शह और मात के खेल में हार मर्द के पाले में होगी .औरतों के लिए भी मर्दों से फरमाइश करने का अनुकूल वक्त शाम ६ बजे के बाद शुरू होता है .ज्यादा संभावना इस बातकी की बनी रहती है इस पहर (वेला )आपकी बात मान ली जायेगी .कमसे कम उस पर तवज्जो ज़रूर दी जायेगी ।
उक्त निष्कर्ष बायर दवा कम्पनी ने एक हजार से ज्यादा औरत मर्दों पर संपन्न एक अध्ययन से निकाले हैं ।
८६ %से ज्यादा औरत -मर्द अपने मूड के "हाई "या "लो "दिमागी पीक और ट्राफ़ से वाकिफ रहतें हैं .कब वह बायो --रिदम के साथ ताल में रहतें हैं कब बे -ताले हो जाते हैं यह भी बा -खूबी जानते पहचानते हैं .बस यही इत्तला तो सर -का -डियन रिदम की कुंजी है .प्राप्य और अप्राप्य की ,खोने और पाने की है .उपलब्धि -अनुपलब्धि की है .इसे जानिये ,आजमाइए .
गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010
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