बुधवार, 13 अक्टूबर 2010

जींस बनातें हैं नारी को लोक -लुभावन ,मनभावन

बॉडी शेप टाइड टू जींस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर १३ ,२०१० ,पृष्ठ २१ ,न्यू -देल्ही संस्करण )।
नारी की देहयष्टि को लोकलुभावन बनाए रखने के पीछे कुछ जीवन इकाइयों का ही हाथ होता है .यही वजह कुछ की देहयष्टि छरहरी बनी रहती है तो कुछ की काया थुल -थुल .कुछ पीयर शेप्ड तो कुछ ओवल आकृति लिए रहतीं हैं .साइंसदानों ने ऐसी एक दम से नै १३ जीवन -इकाइयों (जींस ,क्वांटम ऑफ़ लाइफ )में होने वाले ऐसे उत्परिवार्तनों का भी पता लगा या है जो किसी को ओवर वेट(फ्लेशी ) तो किसी को ता -उम्र बोनी (स्किनी ) बनाए रहतीं है तो किसी को स्किनीसे भी आगे निकलकर जीरो साइज़ ।
किसी को देखकर कोई "दिनकर "कह उठता है :सत्य ही रहता नहीं यह ध्यान तुम कविता कुसुम या कामिनी हो ।कनक
कटि को कंच्चन काटि विधि ,कुचन मध्य धर दीन्ह ,कनक छड़ी सी कामिनी ,कटि काहे को क्षीण ।
अलावा इसके १९ ऐसे जीन म्युटेसंस की भी शिनाख्त की gai है जिनसे ओबेसिटी के आइन्दा होने वाले जोखिम के वजन का भी पता चल जाता है .औरत को नित -नूतन बनाए रखने के पीछे जीवन खंडों की ही लीला चलती आई है .

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