सितारों से आगे जहां और भी हैं ,तेरे सामने इम्तिहान और भी हैं ।
हमारे ब्रह्माण्ड की मानिंद और भी यूनिवर्स हैं ,प्रेक्षिनीय(ओब्ज़र्वेबिल )सृष्टि से परे समान्तर सृष्टिया और भी हैं ,अंध -शीत पदार्थ(कोल्ड डार्क मैटर ) ,अबूझ किस्म का पदार्थ ,अतिरिक्त विमायें (एक्स्ट्रा -डाय -मेंसंस ) भी हैं ये तमाम बातें जिज्ञासा के धरातल को फोड़ कर यथार्थ की ज़मीन हासिल कर सकतें हैं .हो सकता है अगले बरस तक इनमे से कुछ की टोह मिलने के साथ ही एक नै फिजिक्स (अभिनव -भौतिकी ) ज्ञात नियमों में संशोधन की गुंजाइश पैदा कर दे .यह सारी प्रत्याशा सृष्टि -विज्ञानियों के दिलो -दिमाग पर बरपा हैं तो इसकी वजह लार्ज हेड्रोंन कोलाई -डर(योरोपियन न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर,जिनेवा के निकट ) बना हुआ है .अधिक से अधिकतर ऊर्जा के साथ परस्पर कणों की टक्कर से पैदा अल्प -काली अभिनव कण "यूनिवर्स की एक्स्ट्रा बिट्स "की खबर कभी भी आइन्दा दे सकतें हैं ।
पानी केरा बुदबुदा अस मानस की जात ,देखत ही बूझ जाएगा ज्यों तारा परभात .लेकिन इस अल्प काल के पलांश में ही सब कुछ कंप्यूटर की गणना में ले लिया जाएगा ।सृष्टि के अबूझ रहस्यों का पर्दा खुल जाएगा इस पलांश के भी महा -पलांश में .
सृष्टि के उदगम की टोह में निशिवासर जुटे भौतिकी -विद सर्न(सी ई आर एन यानी योरोपियन न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर ) के तत्वाधान में बहु -चर्चित महा -मशीन (लार्ज -पारिकिल कोलाई -डर ) में चल रहे प्रयोगों से बेहद आशान्वित हैं .जहां महा -ऊर्जा वांन कणों की सीधी टक्कर हो रही है .
शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010
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