साइंसदानों ने एक ऐसी आई -ट्रेकिंग कार तैयार कर ली है जो उनींदा होते ड्राइवर को चौकन्ना (सचेत )कर देगी .इसे तैयार किया है जर्मनी के फ्रान्होफर इंस्टिट्यूट फॉर मीडिया टेक्नोलोजी ,इल्मेनाऊ ने .सेन्सर्स इसके अन्दर ही समाहित किये गये हैं (बिल्ट इन सेन्सर्स से लैस है ये कार ).ड्राइवर की आई -लिड (पलक झपकते ) बंद होते ही यह एक अलार्म बजा देगी .इसीलिए इसे आई -ट्रेकर कहा जा रहा है .इसकी कीमत भी ऐसी ही दिवाईसिज़ के दसवें हिस्से के बराबर रखी गई है .परम्परा गत प्रणालियों में हर आदमी की, जिसकी लाइन ऑफ़ विज़न दर्ज़ की जाती है को काफी तैयारी करनी पडती है .समय लगता है इसमें .हर चेहरा ,दो जोड़ी आँखे ,सिर सबका अलग अलग होता है ।
यह तो एक छोटा सा मोड्यूलर सिस्टम है जिसका अपना हार्ड -वेयर ,प्रोग्रेम्स हैं ऑन बोर्ड .लाइन ऑफ़ विज़न इसमें ड्राइवर की आपसे आप कम्प्युट होकर कैमरे में दर्ज़ हो जाती है .
आई ट्रेकर में कमसे कम दो कैमरे रहतें हैं जो छवियों को स्टीरियो -स्कोपिकाली दर्ज़ करते चलतें हैं .आँख की पुतली और लाइन ऑफ़ विज़न का पूरा -पूरा हिसाब ,अवस्थिति स्पेस में मालूम रहती है .यानी डेफ्थ का भी बोध रहता है .यह सारी सूचना एक मानक इंटर -फेस के ज़रिये संदर्भित डिवाइस तक पहुंचा दी जाती है .इस डिवाइस को सीधे -सीधे कार के 'ट्रिप -कंप्यूटर 'से जोड़ दिया जाता है .यहडिवाइस जो कैमरा साथ लिए रहती है वह एक सेकिंड में २०० इमेज़िज़ दर्ज़ करता चलता है .बस ड्राइवर दायें देखे या बाएं या सामने हर सूरत उसका लान ऑफ़ विज़न कैद होता चलता है कैमरे में झपकी लगी घंटी बजी ,दुर्घटना टली.
अब
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