मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

लक्ष्य भेदी आई वी ऍफ़ (ज़ारी ....)

न्यू टेस्ट टू हेल्प आई वी ऍफ़ हिटbulsaai .मेथड टू पिक बेस्ट एम्ब्रियो फॉर इम्प्लांट ,कट मल्टी -पिल प्रेगनेंसीज (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,न्यू -देल्ही अक्टूबर ५ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।

माइक्रो -स्कोप और टाइम लेप्स फोटोग्रेफी के ज़रिये अब रिसर्चरों ने एक तरह से इस बात को पुख्ता कर लिया लगता है ,कौन सा परखनली भ्रूण (टेस्ट ट्यूब एम्ब्रियो )कामयाब गर्भाधान करवाने में सबसे समर्थ रहेगा ।

"नेचर बायो -टेक्नोलोजी 'में प्रकाशित इस अध्ययन के अन्वेषणों सेह्यूमेन एग के निषेचन के चंद दिनों बादके ही एम्ब्रियो से यह भी जाना जा सकेगा ,कैसे एम्ब्रियो माँ और बाप से थोड़े थोड़े जीवन खंड (जींस )विरासत में लेलेतें हैं ।

जाहिर है इसी के चलते एम्ब्रियो क्लिनिक यह जान समझ सकेंगीं ,कौन सा एम्ब्रियो आला दर्जे का रहने वाला है .उसे ही रोपा जाएगा गर्भाशय में ।

इसे अब तक प्रचलित आई वी ऍफ़j तरीकों का अति -परिष्कृत रूप कहा जा सकता है जिसमे इलाज़ के लिए बारहा एम्ब्रियो क्लिनिक आने इम्प्लांट करवाने की ज़रुरत ही नहीं रह जाएगी .ट्रायल एंड एरर मेथड कीजगह अब एक सुनिश्चित तरीका ले रहा है .
multiple प्रेग्नेंसी से निजात दिलवाएगा यह तरीका .अब तक एक साथ कई एम्ब्रियोज़ रोपने पड़ते थे । कब कितने विकसित होंगें ,सलामत रहेंगें इसका कोई निश्चय ही नहीं था .दिस मेथड is ला -इक हिटिंग दी बुल्सeye ।
stanford विश्वविद्यालय के साइंसदान कहतें मानतें हैं इस नै रिसर्च से एम्ब्रियो के विकास पर भी नै रौशनी पड़ेगी .इसकी क्षमताओं का समय रहते जायजा लिया जा सकेगा इससे आसिस्तिद रिप्रोडक्शन कों बल मिलेगा .
अब तक का तजुर्बा कहता है .लेब दिश में एक पुष्टिकर मीडियम में ह्यूमेन एग और स्पर्म कों पकाकर (फरती -लाइज karke ) गर्भाशय में रोपने के बाद एम्ब्रियो ठीक से पनपेगा ही ,viksit होगा इसका कोई भरोसा नहीं था .अब yah kaam gaaranti shudaa होगा .

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