ए टाल ऑर्डर :साइंटिस्ट्स "आई -देंटी-फाई "जींस देट गवर्न पीपुल्स हाईट (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अक्टूबर १ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
बेशक एक मुश्किल काम को अंजाम दिया है साइंसदानों ने उन जीवन इकाइयों का रेखांकन करके जो हमारी कद काठी (हाईट ) कमोबेश तय करतीं हैं .अलग अलग लोगों की हाईट के जुदा रहने के पीछे ८० फीसद तक इन जीवन इकाइयों का ही अंतर रहता है .ऐसे सैंकड़ों उत्परिवर्तनों(जेनेटिक म्युटेसंस )के बारे में साइंसदानों ने पता लगाया है जो तकरीबन विरासत में मिली १० फीसद जीवन इकाइयों के अंतर का खुलासा कर देतें हैं ।
साइंसदानों के अनुसार इन अन्वेषणों का विशेष महत्व है क्योकि लम्बू लोगों को प्रोस्टेट ,ब्लेडर तथा लंग कैंसरों का ख़तरा जबकि अपेक्षाकृत कम कद काठी(औसत से भी कम हाईट ) वाले लोगों के लिए हृद रोगों का जोखिम ज्यादा बना रहता है ।
साइंसदान के मुताबिक़ हमारी ८० फीसद हाईट की नव्ज़ हमारी जींस से बाकी बची कद काठी की हमारी परवरिश हमारे पर्यावरण,पोषण ,बालपन के रोग संक्रमणों से भी कहीं ना कहीं जुडी रहती है .गत सौ सालों में जैसे जैसे इनमे सुधार आता गया(रोग संक्रमण आदि कम होते गयें हैं ) है हम लम्बू होते गयें हैं .हालिया अन्वेषण विकासात्मक पहलुओं समस्याओं को थोड़ा सा और बूझने में मददगार सिद्ध होंगें .साइंसदानों के मुताबिक़ रेखांकित की गई जींस में से कई कैंसर के अतिरिक्त जोखिम पर भी रौशनी डालतीं हैं .ओवरलैप करतीं हैं .आबादी के स्तर पर भी कुछ सूक्ष्म अंतर्संबंध उजागर हुए हैं ,हाईट और बीमारियों के खतरों के बीच ।
हाईट का आनुवंशिकी से गहरा रिश्ता है .बौने माँ -बाप के बच्चे भी शोर्टर रह जातें हैं .सारा मामला कुछ ख़ास आनुवंशिक बदलावों,जेनेटिक वेरियेसंस से ताल्लुक रखता है .इसीलिए लोगों की हाईट जुदा रह जातीं हैं .इस व्यापक अध्ययन के लिए तकरीबन १०० संस्थाओं के ३०० आनुवंशिकी के माहिरों ने एक लाख अस्सी हज़ार लोगों के जींस की पड़ताल करने के बाद यह निष्कर्ष निकालें हैं .संसाधनों को सांझा किया गया है .शुरू में यह एक दूसरे के प्रतियोगी बने रहे ,हाईट जींस की ही पड़ताल करते रहे .फिर इनकी तवज्जो दूसरी समस्याओं ,की ओर गई .साम्प्ल्स को एकत्र किया गया .एक सांझा लक्ष्य की ओर सभी के कदम बढ़ चले .पूरा जेनेटिक मैप(जीवन इकाइयों का खाका ) खंगाला गया ।
दी टीम लुक्ड अट दी एंटायर जेनेटिक मैप ,ए साइंटिफिक फिशिंग एक्सपीडिशन काल्ड ए जीनोम वाइड असोशियेशन स्टडी ।
कुछ जीवन इकाइयों का पता अप्रत्याशित क्षेत्रों में चला ,लेकिन कितने ही आनुवंशिकी से समबद्धजींस झुण्ड बनाए मिले .ऐसे जिनका सम्बन्ध आखिरकार स्केलिटल- ग्रोथ- डीज़ीज़ से जा मिला ।
पूर्वमें ऐसे ८० जींस का पता चला जिनका सम्बन्ध हाईट से रहा है .१०० अभिनव जीन लोकेशन का अब पता चला है .दीज़ जीन लोकेशंस इन्फ़्ल्युएन्स दी क्लासिक पोलिजेनिक ट्रेट ऑफ़ नोर्मल वेरिएशन इन ह्यूमेन हाईट ,ब्रिंगिंग दी टोटल टू १८० .दी कंसोर्टियम हेज़ निक -नेम्ड इटसेल्फ़ "जाइंट" फॉर "जेनेटिक इन्वेस्टिगेशन ऑफ़ एन्थ्रो -पो -मीट्रिक ट्रेट्स ".
शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें