शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

हृद रोगों की बुनियादी जड़ों की ओर

जीरो -इंग इन ऑन ओरिजिंस ऑफ़ हार्ट डिजीज (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त ६ ,२०१० ,पृष्ठ ).
तकरीबन एक लाख लोगों की तमाम जीवन इकाइयों ,जिनोम्स को खंगालने के बाद आनुवंशिक विज्ञानियों ने ऐसी दर्ज़नों जीन वेरिएन्ट्स की शिनाख्त की है जो दो किस्म की ब्लड लिपिड्स के उत्पादन को बढ़ावा देतीं हैं .खून में घुली ये चर्बियाँ ही(इनकी अतिरिक्त मात्रा ही ) हृद रोगों की वजह बनती हैं .
कुल ९५ जीन वेरिएन्ट्स में से ५९ की निशाँ देही अभी अभी संपन्न हुई है .एक तिहाई मामलों में खानदानी वजहों से इन चर्बियों के बढे होने के पीछे इन्हीं जीन वेरिएन्ट्स का हाथ रहता है .कोलेस्ट्रोल ओर ट्राई -ग्लीस्राइद्स के बढे हुए स्तर के पीछे यही कसूरवार रहतीं हैं .इस अन्वेषणसे जिसके नतीजे विज्ञान पत्रिका (साप्ताहिक )नेचर में छपे हैं हृद रोगों की काट के लिए तमाम तरह की नै दवाएं तैयार करने का मार्ग प्रशश्तहुआ है . बेड कोलेस्ट्रोल (एल डी एल )के खिलाफ एक नै रणनीति के तहत जंग छेड़ी जा सकती है .
यूं हमारे यकृत (लीवर )से तमाम आवश्यक वसीय अम्ल(इसेंशियल फैटी एसिड्स ) ऊतकों (टिश्युज )तक पहुंचाने का काम यही "लो डेंसिटी लिपो -प्रोटीन कोलेस्ट्रोल "करता है .अलबता इनकी अतिरिक्त मात्रा (खून में इस किस्म की चर्बी का ज़रूरत से ज्यादा बढा हुआ स्तर )स्ट्रोक्स से लेकर तमाम तरह की कोरोनरी आर्टरी डिजीज की वजह बनता है ।
अब तक के तमाम अध्धय्यनों से एक बात साफ़ हुई है ,हृद रोगों की खानदानी वजहें भी रहती आतीं हैं ,परिवारों में .नै शोध उन जीवन खण्डों ओर उनके वेरिएन्ट्स का रेखांकन करती है जो इन रोगों की बुनियाद रखतें हैं ।
अध्धययन में योरोपीय मूल के एक लाख लोगों में जेनेटिक हॉट स्पोट्स को खंगाला गया है .ताकि कुसूरवार जीन वेरिएन्ट्स को मार्क किया जा सके जो उन एक्टिविटीज़ को बढा देतीं हैं जो आखिर कार हृद रोगों की बुनियाद रख देतीं हैं .ब्लड फैट्स का स्वरूप बदल कर रख देतीं हैं .जीनोम पर कहाँ कौन सी जीन वेरिएंट मौजूद है इसे अध्धय्यन के तहत जाना समझा गया है .२०० माहिरों की एक टीम ने मासाच्युसेट्स ज -अन्रल(जनरल ) अस्पताल के साइंसदान सेकर काथिरेसन के नेत्रित्व में इस अध्धय्यन को संपन्न किया है .

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