हू इन्वें -टिड सोप बबिल्स ?/ओपन स्पेस /दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अगस्त २९ ,२०१० ,पृष्ठ २६
पहले जाने बाबिल है क्या ?
ए थिन फिल्म ऑफ़ समथिंग युज्युअली स्फेरिकल और डोम शेप्ड एंड फिल्ड विद एयर ऑर गैस इज काल्ड ए बबिल।
सोप बबिल सबने देखें हैं .मेले ठेलों में सोप सोल्यूशन से बनाए भी हैं .वैसे साबुन के बुलबुलों का इतिहास साबुन की तरह ही पुराना है लेकिन बबिल सिर्फ साबुन पानी तक सीमित नहीं हैं ।
ताइवान का रहने वाला था वह व्यक्ति जिसे बबिल सोल्यूशन तैयार करने में महारथ हासिल थी .नाम था जैकी लिन. उसके जादुई घोल (विलियन )टॉप सीक्रेट सोल्यूशन का आवश्यक घटक था एक पोलिमर ।
यही बहुलक (पोलिमर )एक बार फूल जाने के बाद बबिल को ना सिर्फ वाष्पीकृत होने से रोकता है (३-४) सेकिंड्स में ही सख्त भी बना देता है ,इतना की सूखे हाथ से छूने पर वह फटता नहीं है ,गुम्बद आकार बनाए रहता है ।
यदि आसपास के माहौल में किसी भी प्रकार का विक्षोभ (डिस्टर्बेंस )ना रहे तो यह बबिल दस दिन तक भी बना रह सकता है ।
यूं भारतीय सन्दर्भ में बुदबुदे का दार्शनिक महत्व रहा है .जीवन की क्षण भंगुरता की और इशारा करता है बुलबुला (बबिल )।
पानी ,केरा बुदबुदा ,अस मानस की जात ,
देखत ही बुझ जाएगा ,ज्यों ,तारा ,परभात .
रविवार, 29 अगस्त 2010
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