सून ,स्पेक्ट्स विद नाईट विज़न (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २३ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
साइंसदानों ने एक ऐसी फिल्म तैयार कर ली है जो इन्फ्रा -रेड लाईट (अवरक्त विकिरण ,लाल से परे आदमी के दृश्य क्षेत्र की सीमा से बाहर )को दृश्य प्रकास (विजिबिल लाईट )में तबदील कर देगी .यानी इसको चश्मों में फिट करने के बाद आदमी रात के अँधेरे में भी देख सकेगा ।
साइंसदानों के मुताबिक़ इस फिल्म की मदद से कार फोन्स ,आई ग्लासिज़ के अलावा कार विंड शील्ड्स जो बहुत हलकी भी होंगींतथा सेल फोन्स कोभी नाईट विज़न की क्षमता से लैस किया जा सकेगा .वह भी सस्तें में ही .इसमें वही प्रोद्योगिकी अपनाई गई है जिसका स्तेमाल वर्तमान फ़्लैट स्क्रीन टेली-विज़न में किया जाता है ।
मजेदार बात यह है ये तमाम युक्तियाँ जो अभी निकट भविष्य के गर्भ में हैं बेहद हलकी भी होंगीं बा -मुश्किल एक चश्मे के भार के बराबर . फ्लोरिडा विश्व -विद्यालय के साइंसदानों के मुताबिक़ इसके प्रायोगिक स्तेमाल को सुधारने में तकरीबन डेढ़ बरस लग जाएगा .फिर इसका स्तेमाल सेल फोन कैमरा से लेकर ,लाईट वेट नाईट विज़नआई ग्लासिज़,कारों की विंड शील्ड्स आदि में धड़ल्ले से किया जा सकेगा .
सोमवार, 23 अगस्त 2010
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