व्हेअर इज" मेग्नेटिक हिल "इन इंडिया ?
भारत के लेह के नज़दीक एक ऐसी पहाड़ी है जिसका शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र कारों को ऊपर की और खींच लेता है .यानी आप इंजिन बंद रख कर गाडी चला सकतें हैं स्टीयरिंग कर सकतें हैं .स्थानीय लोगों के अलावा भारत तिब्बत सीमा पोलिस का भी यह कहना है यहाँ से गुजरने वाले हवाईजहाजों को भी इस चुम्बकीय क्षेत्र की मार से बचने के लिए (इसके दायरे से बाहर जाने के लिए )खासी रफ्तार से गुज़रना पड़ता है ।
इसी प्रकार की चुम्बकीय पहाड़ियां अन्यत्र भी हैं ।
कनाडा का "मोक्टों "न्यू -ब्रुन्स्विच्क "अमरीका में ऐसी ही पहाड़ियां और क्षेत्र मौजूद है जहां विशाल चुम्बकीय क्षेत्र मौजूद हैं ।
ज़ाहिर है ये पहाड़ियां अपने गर्भ में मेग्नेटाईट छिपायें हैं .उस शैफर्ड (भेड़ चरवाहे )की कथा आपने पढ़ी होगी जिसकी छड़ी भेड़ चराते चराते एक स्थान पर पहुंचकर पहाड़ी से चिपक गई थी .पता चला यहाँ मेग्नेटाईट का डेरा है जिसमे बेशुमार चुम्बकीय गुण होतें हैं ।
आप जानतें हैं मिश्र धातु (एलनिको -एल्युमिनियम -निकिल -कोबाल्ट आदि के मिश्र से तैयार अयस्क से बना चुम्बक )से बने आधुनिक चुम्बक अपने वजन से हज़ारों गुना वजन उठा लेतें हैं .स्क्रेप (लौह आदि की छीलन आदि )को उठाने के लिए इनका स्तेमाल किया जाता है .सर्कस के लोग भी इन्हें काम में लेतें हैं .
रविवार, 15 अगस्त 2010
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