"बोन मारो सेल्स कैन हेल्प इन हार्ट फेलियोर "(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अगस्त ३० ,२०१० ,पृष्ठ १३ ,न्यू -देल्ही एडिशन )।
जर्मन साइंसदानों के मुताबिक़ अब तक एकसबसे दीर्घकालिक अध्ययन के मुताबिक़ मरीज़ की खुद की मॉस -मज्जा से स्टेम सेल ले कर सुईं लगाने पर तीन माह के अन्दर ही ना सिर्फ़ क्रोनिक हार्ट फेलियोर के बाद दिल का काम काजफिर से सुचारू रूप चलने लगता है पांच साल तक यह कलम कोशा चिकित्सा अपना लाभदायक प्रभाव दिखाती है ।
सालों साल विविध रूप स्टेम सेल्स को माहिरों ने हार्ट फेलियोर के मामलों में आज- माया है लेकिन यह पहली मर्तबा पता चला है यह लाइलाज चले आये हार्ट फेलियोर के मामलों में भी प्रभाव कारी है .
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