बुधवार, 18 अगस्त 2010

परम्परा गत चीनी चिकित्सा ,एक आयाम यह भी ;;;;;;

चाइनीज़ मेडीटेशन टेक्नीक कैन बूस्ट ब्रेन फंक्शन (मुंबई मिरर /साइन्स एंड टेक्नोलोजी/ ए टाइम्स ऑफ़ इंडिया इंडिया ,पब्लिकेशन ,मुंबई ,अगस्त १८ ,२०१० ,पृष्ठ २८ ).
इंटी -ग्रेटिव बॉडी -माइंड टेक्नीक(आई बी एम् टी ) एक प्रकार की योग चिकित्सा है जो परम्परा गत चीनी चिकित्सा का ही एक आयाम ,एक संस्करण है .एक अध्ययन के मुताबिक़ आई बी एम् टी मस्तिष्क को अपने व्यवहार का विनियमन करने की सीख सिर्फ ११ घंटे में थमा देती है .बस अभ्यास की ज़रुरत है ।
ओरेगोन तथा दलियन विश्व -विद्यालयों के साइंसदानों ने इसके प्रभावों का एक लिखित दस्तावेज़ तैयार किया है .प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दी नॅशनल अकादमी ऑफ़ साइंसिज़ के आगामी अंक में प्रकाशनाधीन इस अध्ययन में रिसर्चरों ने ४५ टेस्ट्स सब्जेक्ट्स को शामिल किया था .इनमे से तकरीबन आधों को आई बी एम् टी अभ्यास शेष को(कंट्रोल ग्रुप )को रिलेक्शेसनप्रशिक्षण दिया गया ।
इमेजिंग टेस्ट्स सेउन लोगों के दिमाग के उस हिस्से में जिसका सम्बन्ध ज़ज्बातों (संवेगों ,इमोशंस )तथा हमारे व्यवहार के विनियमन से है ज्यादा से ज्यादा कनेक्सन का पता चला जिन्हें योग अभ्यास करवाया गया ,बरक्स उनके जिहें सिर्फ रिलेक्शेसन प्रशिक्षण दिया गया . दिमाग के इस हिस्से को एंटी -रीयर सिन्ग्युलेट कहा जाता है .
इसका मतलब यह हुआ दिमाग के उस हिस्से में संरचनात्मक परिवरतन किये जा सकतें हैं जिसका सम्बन्ध सेल्फ रेग्युलेसन से है .स्व - विनियमन से है ,हमारे व्यवहार जगत से है .सारा खेल ब्रेन नेटवर्क (न्यूरल सर्किट्स का ही तो है )।
योग अभ्यास से वह पाथवे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ जिसका सम्बन्ध पूर्व के अध्ययनों में भी व्यक्ति विशेष की कोंफ्लिक्ट्स को रेग्युलेट करने की क्षमता से जोड़ा गया है .
विशेष :डेफि -सिट्स इन एक्टि -वेसन ऑफ़ दी एंटी -रीयर सिग्युलेट कोर्टेक्स आल्सो हेव बीन असोशिए -टिड विद अटेन्सन डेफि -सिट्स डिस -ऑर्डर ,डिमेंशिया ,डिप्रेसन ,शीजो -फ्रेनिया एंड मेनी अदर डिस -ऑर्डर्स।
रिसर्चरों के अनुसार प्रायोगिक ग्रुप (जिन्हें योगाभ्यास करवाया गया )में बे-चैनी कमतर देखने को मिली .अवसाद ,क्रोध और थकान भी कमतर दिखलाई दी कंट्रोल ग्रुप के बरक्स ।
शिक्षा ,सेहत तथा न्यूरो -साइंस के लिए इस अध्ययन के गहरे निहितार्थ निकलतें हैं .आम जन भी इसके नतीजों से लाभान्वित हो सकतें हैं ।
आईबीएम्टी का सारा जोर बॉडी -माइंड -अवेयरनेस पर केन्द्रित रहता है .इसकी प्राप्ति के लिए ब्रीदिंग टेक्नीक्स के साथ साथ मेंटल इमेजरी का भी सहारा लिया जाता है .लक्ष्य होता है "रेस्ट्फुलएलर्ट- नेस ।
साइंसदानों ने उक्त बदलाओं की व्याख्या के लिए निम्न अवधारणा प्रस्तुत की है .वाईट मैटर ट्रेक्ट्स पुनर -संगठित ,पुनर -व्यवस्थित होने लगतें हैं योगाभ्यास से ,हो सकता है माय्लिन में भी इजाफा हो जाता हो जो ब्रेन कनेक्संस को घेरे रहती है ।
एक बात साफ़ है आई बी एम् टी का स्तेमाल यह बूझने के लिए किया जा सकता है ,प्रशिक्षण (ट्रेनिंग ) कैसे ब्रेन प्लास्टी -सिटी पर असर डालती है .

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