शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

नासूर बंचुके लाइलाज जख्मों को भरने के लिए "जेल "

बाई कालिंग सेल्स टू एक्सन ,न्यू जेल हील्स वूंड्स फास्टर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई अगस्त १३ ,२०१० ,पृष्ठ २३ )।
यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन में सेल एंड डेवलप - मेंटल बायलोजी के प्रोफ़ेसर डेविड बैकर के नेत्रित्व में साइंसदानों की एक टीम ने एक ऐसा जेल तैयार कर लिया है जो अब तक नासूर बन चके लाइलाज ज़ख्मों को भी भर सकता है .इसने डायबिटीज़ अल्सर्स के कामयाब उपचारके लिए भी एक उम्मीद जगा दी है ।
"नक्सागन "नाम का यह जेल कोशाओं के परस्पर सम्प्रेषण कीउस प्रक्रिया में व्यवधान खड़ाकर उन्हें एक बार फिर से सक्रीय कर देता है जो एक प्रोटीन के निर्माण को बाधित करता है .यही प्रोटीन हीलिंग को दुष्कर बनाती रही है. लेकिन सम्वाद को बाधित करने से कोशायें जख्म की साईट पर तेज़ी से पहुँच कर जख्म भरने की प्रक्रिया को तेज़ कर देतीं हैं . अब तक इस जेल की आज़माइश कुल मिलाकर १०० लोगों पर की जा चुकी है .अभी और आजमाइशों की ज़रुरत है तभी कहा जा सकेगा ,यह कोमन स्क्रेप्स और दुर्घटना से पैदा बेतरतीब घावों को भी भरने में अपना असर दिखा सकता है या नहीं ।
बहरसूरत ५८ साला रियल एस्टेट एजेन्ट ,कन्नी मकफेरसों ,जो तुलसा ओक्लाहोमामें रहतीं हैं इसके स्तेमाल से बेहद चमत्कृत हैं .आप एक दम से अशक्त बना देने वाले लेग- अल्सर से गत तीन सालों से आजिज़ आ चुकीं थीं .दर्द का यह हाल ,आप रात भर सो भी नहीं पातीं थीं .बारहा शल्य ,एंटी -बाय -टिक्स ,स्टेरोइड्स ,वैकल्पिक चिकित्सा सभी कुछ तो आपने आजमाए लेकिन सब बेकार .काम आया यही जेल जिसने उन्हें राहत दिलवाई है .चन्द हफ़्तों में ही लाइलाज जख्म भर गया .

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