एक तरह की मुसलाधार बारिश है "क्लाउड बर्स्ट "जिसके साथ कई मर्तबा ओले और गर्जन भी रहता है .चंद मिनिटों में ही वह सारा भौगोलिक क्षेत्र (आकार में हालाकि बहुत छोटा )बाढ़ ग्रस्त हो जाता है .चारों तरफ जल -प्लावन ,त्राहि त्राहि .चंद मिनिटों में २०० मिलीमीटर से ज्यादा बरसात एक छोटे से इलाके को जलमग्न कर सकती है ।
इन्हें बर्स्ट कहने समझने के पीछे यह जन विश्वाश रहा है ,बादल जल से भरे ज़रूर रहतें हैं लेकिन ठोस मॉस (ठोस पिंड ,बरफ की सिल्ली से )होतें हैं .इसीलिए गर्जन को बादलों का फटना मान लिया गया .और बस क्लाउड बर्स्ट नाम चल निकला ।
क्लाउड बर्स्ट बहुत ऊंचाई से गिरता है .हाई क्लाउड्स से जो १५ किलोमीटर से ऊपर मुकुट धारण किये रहतें हैं .देयर टॉप्स आर अबव १५ किलोमीटर्स।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार क्लाउड बर्स्ट से होने वाली वर्षा "शावर टाइप"होती है .अलबत्ता तेजतर बौछार होती है यह बारिश की .एक घंटे में १०० मिलीमीटर से ज्यादा बरसात गिर सकती है .तडितझंझा से ,गरज और बिजली के साथ आई आंधी और तूफ़ान से इनकी(क्लाउड बस्ट)की दांत काटी यारी है .साथ साथ आतें हैं .हाथों में हाथ लिए .गलबहियां डाले ।
रैन -स्टोर्म (वर्षा गर्जन )में तेज़ी से ऊपर उठतीं पवन धाराएं (एयर करेंट्स )विशाल जल राशि समोए रहतीं हैं .यकायक इन धाराओं के रुकने पर ही तबाही आती है .बस तमाम जल राशी एक छोटे से भू -क्षेत्र पर आ गिरती है देखते ही देखते .विनाश लीला देखते ही बनती है .बादलों के द्रुतगामी वेगवान संघनन (रेपिड कोंडेंन- सेसन ,गैस के द्रवीकरण से ,ऊष्ण वायु राशि के ठंडी से आ टकराने से )से ऐसा होता है ।
२६ जुलाई २००५ की मूसला -धार बरसात मुंबई वासियों को अभी भूली नहीं है .८-१० घंटों में ९५० मिलीमीटर बरसात गिरी थी जिसने इस आर्थिक राजधानी को पूरी तरह अस्त -व्यस्त कर दियाथा ।
६ अगस्त की लेह टाउन की तबाही तो अभी ताज़ा है जिसने देशी-विदेशी १४५ लोगों को लील लिया था .वास्तव में कितने कालकवलित हुए कुछ पता नहीं .घायलों की संख्या भी सैकड़ों में थी .६०० से ज्यादा तो अधिकृत आंकडा है इन दी इंडियन सब कोंटी- नेंट ए क्लाउड बर्स्ट युज्युअली अकर्स व्हेन ए प्रेग्नेंट मोंसून क्लाउड द्रीफ्ट्स नोर्थ- वार्ड फ्रॉम दी बे ऑफ़ बंगाल आर अरबियन सी एक्रोस दी प्लेन्स देन ऑन- टू दी हिमालय एंड बर्स्ट्स ब्रिंगिंग रैन फाल एज हाई एज ७५ मिलीमीटर इन वन आवर .रेपिड प्रेसिपिटेशन फ्रॉम कुमुलो -निम्बस क्लाउड्स इज पोसिबिल ड्यू टू सो काल्ड लन्ग्मुइर प्रेसिपिटेशन प्रोसिस इन व्हिच लार्ज क्लाउड द्रोप्लेट्स कैन ग्रो रेपिड्ली बाई को -एग्युलेतिंग विद स्मालर द्रोप्लेट्स व्हिच फाल डाउन स्लोली .
रविवार, 15 अगस्त 2010
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