स्पेस बेस्ड डिटेक्टर कुड फाइंड एंटी -यूनिवर्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २७ ,२०१० ,पृष्ठ २३ )।
आने वाले साल २०११ में एक अति -विशाल कण -टोही(पार्टिकिल डिटेक्टर )अंतर -राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन से सम्बद्ध किया जाएगा .मकसद होगा बहु -चर्चित प्रति -सृष्टि (एंटी -यूनिवर्स की टोह लेना )का अन्वेषण जो विज्ञान कथाओं का भी लोक प्रिय विषय रहा है ।
आप जानतें हैं कण टोहक अन्तरिक्ष से आने वाले संभावित कणों ,संकेतों को अप्रतय्क्ष तौर पर दर्ज़ करतें हैं .वास्तव में इन कणों की उँगलियों के निशाँ दर्ज़ हो जातें हैं चाहें कितने भी अल्प जीवी हों यह कण ।पदार्थ की बुनियादी कणिकाओं की टोह यही कण टोही लेते देते हैं .
इस टोहक का वजन ८.५ टन है .इसे अल्फा मेग्नेटिक स्पेक्ट्रो -मीटर कहा जा रहा है .यह टोहक एक बीस साला रिसर्च प्रोग्रेम का महत्व -पूर्ण अंग है .सृष्टि के अबूझ रहस्य को यह कुछ तो बूझेगायह .जिनेवा एयर पोर्ट पर जब इसे अमरीकी एयर फ़ोर्स के एक कार्गो प्लेन में चढ़ाया गया तब खासा उत्तेजना का माहौल था ।
सृष्टि विज्ञानी मानते समझते आये हैं अब से कोई १३.७ अरब बरस पहले जब "बिग बैंग "से सृष्टि बनी ,ब्रह्माण्ड का जन्म हुआ तब पदार्थ के संग उतना ही प्रति -पदार्थ भी पैदा हो गया था .लेकिन हमारा गोचर ब्रह्माण्ड बहुलांश में पदार्थ की ही लीला है .प्रति -पदार्थ की टोह लेना ज़ारी है ।
सृष्टि में हर चीज़ का जोड़ा है .कण है तो प्रति कण भी है .इलेक्ट्रोन है तो एंटी -इलेक्ट्रोन (पोज़ित्रोंन )भी है .प्रोटोन के संगतएंटी -प्रोटोन है .अब यदि एक इलेक्ट्रोन एक प्रोटोन की परिक्रमा करता है ,एक हाइड्रोजन परमाणु अस्तित्व में आता है .यदि एक पोज़ित्रोंन एक एंटी -प्रोटोन के गिर्द परिक्रमा करने लगे तो एक एंटी -हाइड्रोजन परमाणु अस्तित्व में आ जाए गा .कुदरत का करिश्मा पदार्थ ,प्रति -पदार्थ एक दूसरे से सुरक्षित दूरी बनाए रहतें हैं .यदि एक हाइड्रोजन परमाणु एक एंटी -हाइड्रोजन के संपर्क में आजाये तो दोनों एक विस्फोट के साथ परस्पर एक दूसरे को विनष्ट कर देंगें .इसे कहा जाएगा "म्युच्युँली एश्योर्ड देस्त्रेक्शन ".
शुक्रवार, 27 अगस्त 2010
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