ब्लेक राईस न्यू सुपर फ़ूड टू फाईट कैंसर ,हार्ट दिजीज़िज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २८ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
खाने की सजावट (फ़ूड ड्रेसिंग )में एशिया के लोग अकसर ब्लेक राईस का स्तेमाल करतें हैं .खाने के सौन्दर्य बोध को बढाने के लिए नूडुल्स ,मीठे (मधुर चीज़ों ),सूशी, आदि में ब्लेक राईस से डिकोरेशन का चलन है .
सूशी :एक जापानी डिश है .कोल्ड कुक्ड राईस के केक्स को सिरके(विनेगर ) से संसिक्त कर इसे जायकेदार बनाया जाता है .अब इसे रा फिश के साथ सर्व किया जाता है .ड्रेसिंग के रूप ब्लेक राईस का स्तेमाल किया जाता है ।
साइंसदानों के मुताबिक़ ब्लेक राईस कैंसर और हृद रोगों की काट में असरकारी पाया गया है .लूशियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के माहिरों के मुताबिक़ ब्लेक राईस जिसे चीन में एक आदरणीय स्थान प्राप्त रहा है .पूजा अर्चना की सामिग्री बनता रहा है ,ब्लेक राईस ।
पता चला है यह लो सुगर फ़ूड है (ग्लाईकेमिक इंडेक्स इसका कम है ),स्वास्थाय्कर खाद्य रेशों से भरपूर है .अलावा इसके इसमें ऐसे पादप यौगिक (रसायन समूह )मौजूद हैं जो हृद रोगों और कैंसर का डटके मुकाबला कर सकतें हैं ।
इसमें पाया जाता है एक असरकारी एंटी -ओक्सिडेंट "अन्थोसायनिन"एक चम्मच ब्लू बेरीज से ज्यादा रहता है यह एंटी -ओक्सिडेंट एक चम्मच ब्लेक राईस में ।साथ ही इसमें सुगर कमतर ,भरपूर रेशों के अलावा विटामिन -ई एंटी -ओक्सिडेंटस भी प्रचुरता में हैं ।
दक्षिणी अमरीका में उगाये जाने वाले ब्लेक राईस के शल्क (ब्रान,भूसी )का विश्लेसन करने के बाद हीसाइंसदानों ने यह निष्कर्ष निकालें हैं .पता चला इसमें जल में घुलनशील अन्थो -सायनिन का स्तर बढा हुआ रहता है ।
गौर तलब है कई गहरे रंग के फल और तरकारी अपनी आकर्षक चटख रंगत इसी अन्थो -साइनिंन की वजह से बनाए रहतें हैं .ब्ल्यू -बेरीज की रंगत इसी की देन है .इसी की वजह से ब्लेक राईस काला होता है ।
साइंसदानों के मुताबिक़ गहरे रंग के पादपों के अणु (एंटी -ओक्सिडेंटस ) शरीर से हानि कारक फ्री रेडिकल्स को बाहर खदेड़ देतें हैं .धमनियों की हिफाज़त करतें हैं तथा डी एन ए डेमेज को मुल्तवी रख कर कैंसर से बचाव करतें हैं .बरसों पहले ब्लेक राईस को फोरबी -डीन राईस कहा जाता था .कुलीन वर्ग के लोगों को ही यह मयस्सर था .चीन में आम लोगों के लिए यह वर्जित खाद्य था .
शनिवार, 28 अगस्त 2010
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