मदर ऑफ़ आल ह्युमेंस ,लिव्ड २,००,००० ईयर्स एगो (मुंबई मिरर ,अगस्त २४ ,२०१० ,पृष्ठ २४ )।
बाइबिल के अनुसार परमात्मा ने ही ईव की सृष्टी की थी और उसे ईडन गार्डन में आदम के संग छोड़ दिया था .एक अध्ययन के अनुसार ईव का समय अब से दो लाख साल पहले का ठहरता है .(पूर्व के अध्ययनों में बतलाया गया था यह एक दक्षिणी -अफ़्रीकी महिला थी ।).
राईस विश्व -विद्यालय में संपन्न इस अध्ययन में साथ साथ एक साथ दस जेनेटिक मोडल्स का तुलनात्मक अध्ययन किया गया ,सभी आनुवंशिक निदर्शों की जांच पड़ताल की गई .सबका मकसद ईव का काल निर्धारण करना था .अध्ययन के सह -रचनाकार मारेक किम्मेल के अनुसार यह अन्वेषण आबादी से ताल्लुक रखने वाली बे -तरतीब प्रक्रियाओं यथा ग्रोथ तथा एक्स -टिंक -शन (बढ़वार तथा विलोपन ) को ख़ास तौर पर रेखांकित करता है ।
इसके लिए माइतो -कोंड्रिया के जीनोम का स्तेमाल किया गया ।अब क्योंकि हर आदमी अपनी माँ से एक जीनोम विरासत में प्राप्त करता है इसलिए सभी माइतो -कोंड्रियल लाइनेजिज़ मैटरनल हो जातीं हैं .परिवार में मातरि -पक्ष से सम्बन्धित हो जातीं हैं .इस प्रकार वंश कुल मातरि - पक्ष से ही ताल्लुक रखता है .
माइतो -कोंड्रिया वह सूक्ष्म ओर्गानेल्लेस हैं जो सभी कोशाओं की एनर्जी फेक्ट्री हैं .ओर्गानेल्लेस खुद क्या हैं ?ओर्गानेल्ले इज ए स्पेसिफाइड पार्ट ऑफ़ ए सेल फॉर एग्जाम्पिल दी न्यूक्लियस और दी माइतो -कोंड्रिया देट हेज़ इट्स ओन पट्टी -क्युलर फंक्शन ।
जीनोम क्या है ?
जीनोम इज दी फुल कोम्प्लिमेंट ऑफ़ जेनेटिक इन्फार्मेशन देट एन इन्दिविज्युअल ओर्गेनिज्म इन्हेरिट्स फ्रॉम इट्स पेरेंट्स स्पेशियली दी सेट ऑफ़ क्रोमोसोम्स एंड दी जींस दे केरी .
आम भाषा में कहें तो ,एक कोशिका या सजीव में स्थित पूर्ण जीन समुच्चय को जीनोम कहा जाता है .आल दी जींस इन वन सेल ऑफ़ ए लिविंग थिंग लाईक ए ह्यूमेन जीनोम इस रेफार्ड टू एज जीनोम ।
ईव के काल निर्धारण के लिए साइंसदानों ने कुछ समीकरणों का स्तेमाल किया इनमे संख्यात्मक नियतांक डाले गये (न्यूमेरिक कोंस्तेंट्स वर प्लग्ड इनटू दीज़ इक्युएसन्स ).हर मोडल एक अलग अवधारणा पर आधारित था जिनके गणितीय निहितार्थ भी जुदा थे ।
पता चलाउन सभी निदर्शों से जिन्होनें रेंडम पोप्युलेसन साइज़ का भी हिसाब किताब रखा ,कालनिर्धारण का अनुमान यकसां निकला ।
इस रिसर्च का पूरा ब्योरा थिओरेतिक्ल पोप्युलेसन बायलोजी जर्नल मेंओन लाइन उपलब्ध है .
शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
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1 टिप्पणी:
अब क्या बताएं, पुराणी बातें है - भूल गए.
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