"दी ग्रेट डिबेट"उस किताब का नाम है जो वर्तमान में प्रचलित शोर्ट मेसेजिंग सर्विस में प्रयुक्त संक्षिप्तरूपों ,अंकों ,अक्षरों और लोगोग्रेम्स के उद्गम को खींचकर विक्टोरिया युग के लेखकों ,कवियों की प्रतीकात्मक कविता तक ले जाती है .आइये जाने दी जीआर८ डीबी८ के मंतव्य को ।
किताब के अनुसार सेल फोन लेंग्युवेज का चलन नया नहीं है .संक्षिप रूप "आईओयु "यानी आई ओडब्लूई वाईओयू १६१८ में भी प्रचलित था .प्रतीकात्मक कविता में अक्षरों ,संख्या (मात्रा सूचक शब्दों ,नम्बर्स ),लोगोग्रेम्स आदि का प्रयोग आमथा ।
"एस्से टू मिस काथारिने जे "की टेक्स्टिंग थी :एन एस ए २ मिस के टी जे .इसलिए जिन लोगों को अंग्रेजी भाषा के मिजाज़ के बिगड़ने की चिंता है वह चैन की बंशी बजाएं .गत १३० सालों से यह एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल को सन्देश भेजने की भाषाजो आज एक बकार फिर दिख रही है प्रचलित रही है .यह अन्वेषण डिस्कवरी न्यूज़ ने प्रस्तुत किया है .निकट भविष्य में ब्रिटिश लाइब्रेरी में आयोजित एक प्रदर्शनी में इस तथ्य का विस्तार से खुलासा होने जा रहा है ।
नुमाइश में १८६७ में प्रकाशित एक कविता का प्रकाशित रूप प्रस्तुत किया जाएगा .लगता है १६० करेक्टर्स वाली टेक्स्टिंग सीमा(लेखन मेप्रयुक्त अक्षरों ,चिन्हों की सीमा ) तब भी थी .कविता की यह विधा या फॉर्म प्रतीकात्मक कविता कहलाती थी .महारानी विक्टोरिया युग में बाकायदा अक्षरों ,संख्याओं ,लोगोग्रेम्स का सांझा रूप इस प्रतीकात्मक (बिम्ब प्रधान) कविता में मौजूद था .इस प्रकार के प्रयोग आम थे :
"आई रोट २यु बी४ "एक और बानगी देखिये -
"ही सेज ही लव यु२ "
गुरुवार, 26 अगस्त 2010
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