रविवार, 22 अगस्त 2010

डाइट सोफ्ट ड्रिंक्स और प्रीमीज़

"डाइट सोफ्ट ड्रिंक्स काज प्रिमेच्युओर बर्थ्स"(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २१ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
साइंसदानों ने गर्भवती महिलाओं को कृत्रिम रूप से मीठे पेय (कथित डाइट सोफ्ट ड्रिंक्स) से परहेजी बरतने की सलाह दी है .पता चला है गर्भवती महिला द्वारा डाइट सोफ्ट ड्रिंक्स के नियमित सेवन से प्रीमीज़ (प्री -मेच्युओर बेबीज़ )समय पूर्व जन्मे बच्चों के पैदा होने का ख़तरा बढ़ जाता है ठीक उसी अनुपात में जिसमे आपने इन कथित डाइट ड्रिंक्स का सेवन किया है ।
डेनमार्क में संपन्न एक अध्ययन में तकरीबन ६० ,००० गर्भवती महिलाओं की पड़ताल करने पर पता चला है जो महिलायें गर्भा -वस्था की सामान्य अवधि ४० सप्ताह के दरमियान बुद -बु -दे -दार (बबली या फिजी )ड्रिंक्स या फिर स्टिल डाइट सोफ्ट ड्रिंक्स का नियमित सेवन करतीं हैं उनके लिए समय पूर्व प्रसव का ख़तरा बढ़ जाता है .जो रोजाना एक ऐसी कथित सोफ्ट ड्रिंक्स लेतीं हैं उनके लिए यह ख़तरा बढ़कर ३८% तथा रोज़ -बा -रोज़ ४ ड्रिंक्स ले लेतीं हैं उनके लिएऐसे खतरे का वजन बढ़कर ७८ % हो जाता है .३६ सप्ताह या और भी पहले पैदा हुए ऐसे बच्चों को ही प्रीमीज़ कहा जाता है .अमरीकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है ।
ऐसा समझा जाता है कृत्रिम मीठे (आर्टिफिशियल स्वीट -नर्स )शरीर में जाकर ऐसे रसायनों में विघटित हो जातें हैं जो गर्भ को असर ग्रस्त करतें हैं .तो ज़नाब डाइट पेप्सी या फिर डाइट कोक से सावधान रहिये -जी करता है प्यास लगे ,ठंडा यानी कोकोकोला के झांसे में मत आइये अगर वह डाइट होने का भी दावा करता है .

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