"सालमोनेला बग्स कैन हेल्प फाईट कैंसर "(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई अगस्त १३ ,२०१० ,पृष्ठ २३ )।
पहले "सालमोनेला"की बात करें .सालमोनेला एक डंडा -णु की आकृति (रोड शेप्ड )वाला जीवाणु है .यह हमारी अंतड़ियों में पाया जाता है .दीगर है यह फ़ूड पोइजनिंग ,गैस्ट्रो -एन- टे -राइटिस (उदारान्त्र की सोजिश ,उदर और आंतकी सूजन और रोग संक्रमण )तथा टाय -फोइड फीवर की भी वजह बनता है .साल्मोनेल्लोसिस इसी की उपज है .अलबत्ता सालमोनेला "बीमारी" को भी कह समझ लिया जाता है .संक्रमित अन्न खाने से सालमोनेला हो जाता है .सालमोनेला पोइजनिंग की आये दिन चर्चा होती है ।
अब संदर्भित रिपोर्ट का ज़िक्र करतें हैं जिसके अनुसार माहिर सालमोनेला को कैंसर के खिलाफ जेहाद में एक असरकारी अश्त्र बतला रहें हैं .हम जानतें हैं सभी कोल्ड और वार्म ब्लड- डिड एनिमल्स में यह मौजूद रहता है .वार्म ब्लड- डिड प्राणी शरीर के तापमान का विनियमनबाहरी तापमानों के हिसाब से हाई -पोथैलेमस की मदद से कर लेतें हैं जो एक थर्मो -स्टेट का काम करता है .गर्मी लगने पर पसीना और ठंड लगने पर कंप (कपकपी )पैदा कर लेतें हैं ।कोल्ड ब्लड -डिड ऐसा नहीं कर पातें .इसीलिए भैंस और शूकर कीच में धंसे रहतें हैं गर्मी लगने पर .
मिलनविश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है सालमोनेला बेक -टीरिया से ट्यूमर (कैंसर -कारी ,मलिग्नेंट )का इलाज़ करने पर एक ऐसी प्रति -रक्षण प्रति -क्रिया (इम्यून- रेस्पोंस )पैदा हो जाती है जो कैंसर कोशाओं का खात्मा करवा देती है .अलावा इसके आइन्दा के लिए कैंसर के बचावी टीके का भी काम यही इम्यून रेस्पोंस बन जाती है ।
अलावा इसके यह रोग -प्रति -रक्षण अनुक्रिया कैंसर कोशाओं को उजाले में ले आती है .रोग -प्रति -रोधी तंत्र की कोशाओं का हरावल दस्ता (किलर सेल इन्हें साफ़ साफ़ ताड़ लेता है फिर चुन चुन कर इनका )सफाया कर देता है ।
विज्ञान पत्रिका "ट्रांस -लेश्नल मेडिसन "में इस अध्ययन के नतीजे प्रकाशित हुएँ हैं .
शुक्रवार, 13 अगस्त 2010
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1 टिप्पणी:
अच्छी प्रस्तुती के लिये आपका आभार
खुशखबरी
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