एक तरफ न्यूक्लीयर मेडिसन की जान हैं रेडियों -धर्मी समस्थानिक दूसरी तरफ रोग -निदान को पुख्ता करने वाला एक भरोसे मंद ज़रिया .बित्ता भर (अल्पांश का भी अल्पांश ,ट्रेस अमाउंट ) काफी रहता है जो सुईं से मरीज़ को दिए जाने के बाद अस्थियों ,ऊतकों में ज़मा होकर वह सब कुछ कह देतें हैं जो डॉ जानता है ।
ओंटारियो कनाडा की एक एटमी भट्टी के यकायक बंद हो जाने से चिकित्साजगत में मायूसी छा सकती है .इलाज़ इस कमी बेशी के चलते पेचीला भी हो सकता है ,महंगा भी ।
रेडियों -आइसोटोप्स स्केन्स को रोशन करतें हैं ।
भारत भी इनका एक निर्यातक देश रहा है .अमरीकी एटम को लेकर जो खफा थे वह अपनी नादानी से वाकिफ नहीं रहें हैं .कुछ रेडियों -आइसा -टॉप्स हमें भी आयात करने पडतें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :आइसोटोप्स शोर्तेज़ टू हिट स्कैंस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अगस्त ३१ ,२०१० ,न्यू -देल्ही ,पृष्ठ १७ .
मंगलवार, 31 अगस्त 2010
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