नॉट जस्ट वोमेन ,मेन टू एक्स -पीरियेंस मीनो -पॉज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २४ ,२०१० ,पृष्ठ १५ )।
औरतों में रजोनिवृत्ति (मीनो -पॉज़ ) का सम्बन्ध अकसर उम्र के साथ हारमोनों में होने वाले बदलाव से जोड़ा जाता रहा है .एक हालिया अध्ययन से पता चला है ऐसा मर्दों में भी होता है .अलबत्ता चिकित्सा शाश्त्र की भाषा में इस स्थिति को "हाइपो -गोना -डीज्म "कहा जाता है ।
गोनेड क्या है ?
वास्तव में अंड- कोष या फिर अंडाशय को ही आप चाहें तो गोनाड कह समझ सकतें हैं .शरीर का वह अंग जो प्रजनन कोशायें (रिप्रो -डक -टिव सेल्स या गेमीट्स तैयार करता है जैसे अंड कोष या फिर अंडाशय )गोनाड कहाता है ।
पुरुष हारमोन टेस्ता-स्टेरोंन एक ऐसा हारमोन है जोपुरुषोचित वृद्धि और पुरुषत्व के विकास में एहम भूमिका अदा करता है .पुरुषोचित गुण इसी की देन हैं .
हाइपो -गोना -डीज्म वह स्थिति है जब पुरुष अंड -कोषया औरत का अंडाशय पर्याप्त टेस्ता -स्टेरोंन तैयार नहीं कर पातें हैं .इसके लक्षणों में थकान ,यौन सम्बन्ध के प्रति रूचिमें ,यौनेच्छा में ह्रास ,बालों का झड़ना ,ध्यान भंग होना ,वजन का बढना तथा चित्त का अस्थिर रहना (मूढ़ स्विंग्स )आम हैं ।
माहिरों के अनुसार कमसे कम पचास लाख लोग इससे ग्रस्त होंगें .यह एक ऐसी स्थिति है जिसका आम तौर पर नोटिस ही नहीं लिया जाता .जबकि हारमोन का स्तर गिरने पर पुरुष एहम मानसिक एवं भौतिक बदलाव महसूस करने लगता है .यह एक आम विकार है लेकिन ९५ फीसद मामलों में इस गडबडी की अनदेखी ही होती है .निदानही (डायग-नोसिस ) नहीं हो पाता इनका .ज़ाहिर है इलाज़ से भी वंचित रह जातें हैं ये तमाम लोग .ऐसे में जीवन की गुणवत्ता तो असरग्रस्त होती ही है .आदमी नींद भर सोने के बाद भी थका मांदा बना रहता है .झपकी लेने को सदैव ही तैयार दिखलाई देगा ।
औरतों में ह्यूमेन एग (डिम्ब स्राव ,ओव्यूलेशन )रजो निवृत्ति होने पर समाप्त हो जाता है .हारमोन का स्तर(खासकर इस्ट्रोजन ) अपेक्षाकृत जल्दी गिर जाता है .जबकि मर्द में यह ह्रास धीरे धीरे आता है .चालीसा लगते ना लगते(लेट थर्तीज़ के आसपास )-
हर बरस १%टेस्ता -स्टेरोंन का स्तर गिरने लगता है .सत्तर की उम्र में यह ५० फीसद तक भीघट सकता है .आधारीय स्तर (बेस लाइन लेविल के बरक्स )की तुलना में .लेकिन ज़रूरी नहीं है ख़तरा सिर्फ बुढापे की देहलीज़ पर आ चुके लोगों को ही हो .
मंगलवार, 24 अगस्त 2010
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