शनिवार, 7 अगस्त 2010

वाटर रिटेंशन से बचाव के लिए

मेनेज वाटर रिटेंशन (गत पोस्ट से आगे ....)।
कट बेक ऑन साल्ट एंड सुगर टू प्रिवेंट वाटर रिटेंशन एंड इनक्रीज दी लेविल ऑफ़ इंसुलिन इन ब्लड (फील वाटर लोग्ग्द ?मुंबई मिरर अगस्त ६, २०१० ,पृष्ठ २८ )।
दिक्रीज़ साल्ट इंटेक :आप जानतें हैं .सोडियम प्रमुख तत्व है नमक का .शरीर पानी का प्रति -धारण (रिटेंशन )शरीर में मौजूद अतिरिक्त साल्ट को तनुकृत करने के लिए ही करता है .यही वजह है नमकीन चीज़ (साल्टी-फूड्स )खाने के बाद प्यास लगती है .नमक की मात्रा रोजमर्रा के खाने से कम करने पर जल प्रति -धारण(वाटर रिटेंशन ) में थोड़ी कमी आती है .कटिंग डाउन ऑन साल्ट इंटेक हेल्प रिलीज़ ए लिटिल वाटर ।
रेग्युलर एक्सरसाइज़ :नियमित व्यायाम ज़रूरी है अतिरिक्त पानी को शरीर से बाहर ठेलने के लिए .बैठे ठाले लोगों के ऊतकों में अपेक्षाकृत ज्यादा जल प्रति -धारण देखा जा सकता है ।
दरअसल हमारा लसिका तंत्र (लिम्फेटिक सिस्टम )रुधिर्वाहिकाओं का एक संजाल है नेटवर्क है ,वेसिल्स का .यही नेटवर्क ऊतकों से फ्लुइड को निकाल कर संचरण तंत्र (सर्क्युलेशन )में वापस भेजता है .नियमित कसरत इसमें मददगार सिद्ध होती है ।मोटे लाले ,बैठे ठाले ।
कट डाउन ऑन सुगर :रक्त में इंसुलिन हारमोन के स्तर को बढ़ाती है चीनी .ऐसे में सोडियम की निकासी मुश्किल (दुष्कर )हो जाती है ।
आल्टर डाईट :फल, तरकारी, मोटे अनाज, लेग्युम्स, का खुराख में अधिकाधिक शामिल होना ज़रूरी पुष्टिकर तत्वों की आपूर्ति के लिए भी ज़रूरी है .इन सूक्ष्म -पुष्टिकर तत्वों की मौजूदगी में रुधिर वाहिकाओं से तरल का रिसना ,रिसकर ऊतकों तक पहुंचना भी मुल्तवी रहता है ।
काउंटर स्ट्रेस :स्ट्रेस का दैनिकी में पसराव कोर्तिसोल के स्तर को बढाता है .यही हारमोन फिर फ्लुइड और साल्ट रिटेंशन की वजह बन जाता है ।
डॉ .सुमन बिजलानी इज दी डायरेक्टर ऑफ़ गाईने -गाइड ,खार .सी टेल्स यु हाउ टू बेटिल दी ब्लोटिंग काज़्द बाई वाटर रिटेंशन .

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