एक एहम सवाल रहा है नींद से जुड़ा?कितना घंटा एक दिन में सोना ज़रूरी है छ ,सात या आठ घंटा ?शरीर की अच्छी संभाल ,अच्छी सेहत के लिए कौन सा विकल्प चुना जाए ?
भारतीय मूल के रिसर्चर वेस्ट -वर्जिनिया विश्व -विद्यालय के अनूप शंकर ने पता लगाया है जो लोग सात घंटा प्रति दिन से ज्यादा या बहुत कम सोतें हैं सात घंटा से, उनके लिए परि -ह्रदयधमनी -रोगों (कोरोनरी आर्टरी डिजीज)के खतरे का वजन बढ़ जाता है ।
स्लीप जर्नल में अध्धय्यन के नतीजे छपें हैं .पता चला जो सब्जेक्ट्स ,(अध्धय्यन में शामिल लोग )दिनभर में नौ घंटा या और भी ज्यादा अवधि के लिए सोते थे उनके लिए सात घंटा प्रति दिन सोने वालों की बनिस्पत हृद रोगों का ख़तरा डेढ़ गुना बढ़ गया था ।
दूसरे छोर पर वह ६० साल से कम उम्र लोग जो रोजाना लेदेकर पांच या और भी कम अवधि के लिए सो पाते थे उनके लिए "कार्डियो -वैस्क्युँलर -डीज़ीज़ "हृद -वाहिकीय रोगों का खतरा तीन गुना बढ़ गया .बरक्स उनके जो रात भर में सात घंटा चैन से सो लेते थे ।
अध्धय्यनसे शोर्ट स्लीप ड्युरेसन(कम अवधि ,आदर्श सात घंटा से काफी कम अवधि की नींद )और एंजाइना (रक्त की आपूर्ति का आंशिक तौर पर ह्रदय की और अवरुद्ध हो जाना )में एक अंतर सम्बन्ध का साफ़ साफ़ पता चला .जबकि बहुत कम या आदर्श अवधि से बहुत ज्यादा नींद लेने की डोर हार्ट अटेक्स और स्ट्रोक्स (सेरिब्रल -वस्क्युलर एक्सिदेंट्स ,दिमाग का दौरा )से जुडी पाई गई ।
नींद की अवधि स्रावी तंत्र के काम को (फंक्शनिंग ऑफ़ इंडो क्राईंन सिस्टम ),मेटाबोलिक फंक्शन्स (चय -अपचयन ) को प्रभावित करती है ।
नींद से वंचित रहना ,ठीक से ना सो पाना ,इम्पेयर्ड ग्लूकोज़ टोलरेंस ,रिद्युस्द इंसुलिन सेंसिटिविटी को जन्म देता है .रक्त चाप को बढाता है .इसी के साथ आर्तीरिअल हार्डनिंग (धमनियों के खुरदरा होने का ख़तरा )का ख़तरा बढ़ता चला जाता है ,दिनानुदिन .इसीलिए कहा गया -किस किस का रोना रोइए ,किस किस को कोसिये ,आराम बड़ी चीज़ है ,मुह ढक के सोइए ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-सेविन आवर्स शटआई ए नाईट इज बेस्ट फॉर दी बॉडी (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )
सोमवार, 2 अगस्त 2010
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2 टिप्पणियां:
शुक्रिया इस जानकारी के लिए. कृपया ये वर्ड वेरीफिकेसहन हटा ली जिए.
आवश्यक जानकारी दी.
एक निवेदन:
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..जितना सरल है इसे हटाना, उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये.
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