हार्श वर्ड्स ,सोसल रिजेक्शन मे ट्रिगर आर्थ -राइटिस :स्टडी (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त ९,२०१०,पृष्ठ १७ )
कडवे बोल सामाजिक अस्वीकृति और तिरस्कार हवा दे सकतें हैं इन्फ्लेमेशन (शरीर में सूजन और रोग संक्रमण) पैदा करने वाले रोगों को .किसी ने ठीक कहा है लाठी से सिर्फ हाथ पैर ही टूटतें हैं कडवे बोल तो व्यक्ति की आत्मा का ही हनन कर देतें हैंउसे अन्दर से तोड़ देतें हैं .जोड़ों की दुखन और तकलीफ ,इन्फ्लेमेशन की वजह बन सकतें हैं बुरे बोल .(इसीलिए तो कहा गया ,बुरा मत बोलो ,बुरा मत कहो ,बुरी बुराई होती है आदमी नहीं ।).
यह हासिल है एक अमरीकी अध्ययन का .केलिफोर्निया विश्व -विद्यालय के साइंसदानों ने इस अध्ययन को तरजीह दी है .
अध्ययन में १२४ स्वयं -सेवियों से ऐसे लोगों के समक्ष संभाषण करने तथा मन ही मन गणना करने के लिए कहा गया जो प्रति -भागियों के प्रति एकदम से ला -परवाह ,उपेक्षा भाव ही नहीं दर्शा रहे थे ,अगंभीर भी बने हुए थे .इनके (वोलन -टीयर्स )के सेलाइवा (लार )का विश्लेषण करने पर दो "इन्फ्ले -मैट्रि -मार्कर्स "का स्तर बढा हुआ पाया गया ।
अब एक चौथाई स्वयम -सेवियों को एक ऐसा कंप्यूटर गेम खेलने को कहा गया जिसमे बाकीखिलाड़ियों को इनका बहिष्करण (अस्वीकरण )करने की हिदायत दे दी गई थी .इनकेफंक्शनल एम् आर आईज (मेगेनेतिक रेजोनेंस इमेजिंग ) देखने पर दिमाग के ऐसे दो हिस्सों में अतिरिक्त सक्रियता (इन्क्रीज्द एक्टिविटी )जिनका सम्बन्ध रिजेक्शन से जोड़ा गया है,दर्ज़ हुई .इन्फ्लेमेत्री रेस्पोंस के अनुरूप ही सक्रियता का बढाहुआ स्तर दर्ज़ हुआ .जितनी ज्यादा इन्फ्लेमेत्री रेस्पोंस उतनी ही अधिक इन दिमागी हिस्सों की सक्रियता पाई गई ।
गौर तलब है रोग संक्रमण,तकलीफ एवं सूजन ,ऐंठन में (इन्फ्लेमेशन )में दिमाग का एहम रोल जिन बीमारियों में होता है उनमे एस्मा (दमा ),आर्थ -राइटिस (गठिया या जोड़ों का तकलीफ देह दर्द ),हृद रोग और अवसाद भी शामिल हैं ।
इन रोगों के प्रबंधन में इनके खिलाफ नए से नए इलाज़ में इस शोध से मदद मिलेगी .प्रो -सीडिंग्स ऑफ़ दी नेशनल अकादेमी ऑफ़ साइंसिज़ जर्नल में इस रिसर्च के नतीजे छपें हैं .
विशेष :बाल गीत
चहक चहक चिड़िया सिखलाती ,कुहुक कुहुक कोयल बतलाती
बनना है जो सबका प्यारा ,सबका प्यारा राज दुलारा ,
इसलिए तुम जितना बोलो ,कम बोलो और मीठा बोलो
टर्र-टर्र मेंढक सा टर्राना,बिना बात के शोर मचाना ,
बुरी बात है गाली देना ,तीखी भाषा में कुछ कहना
इसलिए तुम जितना बोलो ,कम बोलो और मीठा बोलो
कांव कांव करता है कौवा ,लगता है कानों को हौवा
चुगली करती मैना रानी ,दूर दूर तक है बदनामी
इसलिए तुम जितना बोलो ,कम बोलो और मीठा बोलो .
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