सोमवार, 9 अगस्त 2010

मेडिसनल दोज़िज़ क्या हैं नियासिन की ?

टोकसिसिती
क्या असर (पार्श्व या अवांछित प्रभाव )हो सकतें हैं मेडिसनल दोज़िज़ नियासिन विटामिन की रोजाना लेते रहने से ?
चेहरे का एक दम से लाल पड़ जाना ,रश ऑफ़ हीट(एक दम से गर्मी महसूस होना ),खुजलाहट चमड़ी की आम शिकायत हो सकती है १.५ -६ ग्रेम नियासिन लेते रहने पर .ऐसे में ड्राई स्किन ,रेशिश पड़ना (चकत्ते उभरना चमड़ी पर ).अलावा इसके गेस्ट्रो -इंटे -एस्तिनल (अपच ,अम्ल शूल आदि ) शिकायतें भी हो सकतीं हैं .१.५ मिलिग्रेम नियासिन से ज्यादा बड़ी डोज़ लेने पर लीवर -टोकसिसिती भी हो सकती है ।
ऐसे में यकृत में बनने वाले हारमोनों का मानी -टरन भी ज़रूरी हो जाता है .
बेशक स्किन फ्लशिंग १५ -३० मिनिट में अपने आप समाप्त हो जाती है .इसे नियासिन लेने सेआधा घंटा पहले एक टिकिया एस्पिरिन (३०० मिलिग्रेम ) की रोज़ लेकर टाला जा सकता है .भोजन के साथ नियासिन लेने से भी स्किन फ्लशिंग तथा इचिंग से काफी हद तक बचा जा सकता है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :नियासिन, ए वेरी स्पेशल विटामिन /टोकसिसिती /फ्रॉम दी हार्ट, डॉ .विकास सैनी (क्लिनिकल कार्डियो -लोजिस्ट एंड रिसर्चर ,हार्वर्ड मेडिकल स्कूल एंड हार्वर्ड स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ )/प्रिवेंशन जुलाई २०१० ,पृष्ठ २६-२७

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