सृष्टि के हर अंध कूप (अन्तरिक्ष की हर काल कोठरी )के आगोश में हो सकता है एकऔर सृष्टि हो .स्वयं ये कायनात ,हमारी सृष्टि भी किसी ब्लेक होल के आगोश में हो ,नीड़शावक सी पनाह लिए हुए .यह विचार सृष्टि के जन्म उद्भव और विकास के माहिरएक पोलैंड के सृष्टि विज्ञानी ने प्रस्तुत किये हैं ।
यह निष्कर्ष इंडियाना विश्वविद्यालय के निकोदेम पोप्लाव्सकी ने आइन्स्टाइन के गुरुत्व सम्बन्धी सापेक्षवाद सिद्धांत से सम्बद्ध एक अदेप्तेशन के आधार पर निकाले हैं .आपने सिद्धान्तिक तौर एक ऐसे कण की गति का विवरण प्रस्तुत किया है जिसने एक ब्लेक होल मेंमानो प्रवेश ले लिया हो .
प्रत्येक ब्लेक होल के अन्दर एक भरापूराअभिनव ब्रह्मांड हो सकता है,खुद हमारा यूनिवर्स भी एक ब्लेक होल के अन्दर पनाह लिए हो सकता है।
हो सकता है वह विशालकाय ब्लेक होल जिसकी बारहा सृष्टि विज्ञानियों ने मिल्की वे गेलेक्सी के केंद्र में मौजूद होने की खबर दी है एक ब्रिज हो इतर नीहारिकाओं (गेलेक्सीज़ )के बीच आवा- जाही के लिए ।
आप जानतें हैं ब्लेक होल्स (अन्तरिक्ष के अंध कूप या काल कोठारियाँ ) अन्तरिक्ष के ऐसे इलाके हैं जहां से प्रकाश का फोटोन भी लौट कर नहीं आ सकता .इस अंध कूप के गुरुतर गुरुत्व के जाल में फसा रह जाता है .यह अन्तरिक्ष के बोटम लेस पिट हैं .इनके अन्दर प्रविष्ट होने परइनके प्रबल गुरुत्व से दब खप कर पदार्थ अपना गुण धर्म खो बैठता है .अन्तरिक्ष और काल का अस्तित्व भी समाप्त हो जाता है .मैटर इस दिस्टोर्तिद बियोंड रिकग्नीशन ,सो इज स्पेस एंड टाइम ।
जिस भी पिंड का शोषण गुणांक (एब्ज़ोर्प्शन को -एफिशिएंट )एक होता है उसे ऊष्मा गति -विज्ञान के अध्धय्यन के तहत श्याम पिंड (ब्लेक बॉडी )कहा जाता है .ज़रूरी नहीं है यह लाल हो .ए ब्लेक बॉडी इज नोट रेड .एनी बॉडी एट ए कोंस्तैंट हाई टेम्प्रेचर इज ए ब्लेक बॉडी लाइक अवर सन और एनी अदर स्टार ऑर इन्केंदिसेंत बोडी .ए ब्लेक बॉडी रितैन्स आल रेडियेशन फालिंग ऑन इट एंड रिफ्लेक्ट्स नन.सो डज़ ए ब्लेक होल .
आप जानतें हैं हमारी सृष्टि (मिल्की वे गेलेक्सी )में कितने सितारें हैं ?कितनी सृष्टियाँ और भी हैं जो अपना अस्तित्व बनाए हुएँ हैं ?
एक नीहारिका में औसतन २०० अरब सितारें हैं ,और ज़नाब तकरीबन १००० अरब नीहारिकाएं और भी हैं .कुल सितारे होंगें (नम्बर ऑफ़ स्टार्स इन वन गेलेक्सी मल्तिप्लाइद बाई नम्बर ऑफ़ गेलेक्सीज़ )यानी वन फोलोड बाई २३ ज़ीरोज़ देट इज टेन टू दी पावर २३ इन आल .ज्ञात सृष्टि में इतने ही सितारें हैं .
बुधवार, 4 अगस्त 2010
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