'एस्मा इन्हेलर्स इनक्रीज रिस्क ऑफ़ प्रोस्टेट कैंसर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त १० ,२०१० ,पृष्ठ १५ )।
मेलबोर्न , ऑस्ट्रेलियाई, साइंसदानों ने पता लगाया है वह लोग जो अपने एस्मा के प्रबंधन (दमा ट्रीट -मेंट )के बतौर एस्मा -इन्हेलर्स का बराबर स्तेमाल करतें हैं उनमे इस रोग से मुक्त लोगों की बनिस्पत ट्यूमर (प्रोस्टेट कैंसर )का ख़तरा ४० फीसद बढ़ जाता है .यह सारा कबाड़ा सूँघनी से लिया गया स्टिरोइड(इन्हेल्ड स्टिरोइड )करता है ।
अध्ययन में यह भी विदित हुआ जो औषधि युक्त श्वसन यंत्र (इन्हेलर ) के रूप में ब्रोंको -डाय -लेटर (ब्रोंकियोल्स को चौड़ा करने वालेउपाय ) का स्तेमाल करतें हैं उनमे व्हीज़िंग भले कम हो जाए खतरे का वजन भी ३६ फीसद बढ़ जाता है ।
लेकिन सबसे ज्यादा जोखिम उनके लिए बना रहता है (७० फीसद तक ) जो सीवीयर एस्मा से ग्रस्त होने की वजह से अक्सर ,बारहा ,इस उपाय को अपनातें हैं ।
बेशक कैंसर के माहिर इस अन्वेषण को अभी प्रारम्भिकऔर शोर्ट टर्म ही बतलाते हुए दीर्घावधि बड़े अध्ययन की ज़रुरत बतलातें हैं .तभी दमा के इलाज़ और प्रबंधन के बारे कुछ नया सोचा समझा जा सकेगा ।
जर्नल "कैंसर एपी -डेमियो -लोजी ,बायो -मार्कर्स एंड प्रिवेंशन "में इस अध्ययन का हासिल छपा है .
विशेष :तब तक दमा के इलाज़ में स्तिरोइड्स लाभ हानि का जायजा लेते ही रहा जाए ?
मंगलवार, 10 अगस्त 2010
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