सोमवार, 2 अगस्त 2010

दस सूत्री खुराख जो बनाए छरहरी कामिनी आपको

इसे कहा जाता है "दी विवा मेर डाईट"
आपके शरीर में से तमाम तरह के विष को निकाल बाहर करेगी यह खुराख योजना .कुल मिलाकर आपकी सेहत आपकी देह यष्टि की नव्ज़ जुडी है पाचन से .पोषक तत्वों को सुग्राहीय बनाने के लिए शरीर द्वारा बेहतर ज़ज्बी के लिए ही है यह डाईट ।
पहला सूत्र :मुख से ही शुरू हो जाती है पाचन की क्रिया .खाना अच्छी तरह चबा चबाकर ( ३०-४० बार ) ही खाइएगा .आधा पाचन यहीं संपन्न हो जाता है .पाचन तंत्र को भी इसी अनुपात में आराम मिल जाता है .दिमाग को भी अच्छा संकेत जाता है .इधर पेट भरा उधर तृप्त हुआ दिलो -दिमाग .मन भर के खाया सो अलग ।
दूसरा सूत्र :खाने के बीच में पानी नहीं पीना है .ऐसा करने से पाचक रस (दाइजेस्तिव एंजाइम्स ,किण्वक )तनुकृत होकर अपना असर कम कर लेतें हैं .अलबत्ता हर्बल टी या फिर वाइन (रेड वाइन या फिर वाईट वाइन कोई भी) आपके लिए ज़रूरी है पीना तो ले सकतें हैं खाने के साथ ,लेकिन पानी नहीं .वाइन भी खाद्य पदार्थों की तरह सरलीकृत रूपों में टूटती है .यह लार को तनुकृत (दाय्ल्युत )नहीं करती है .अलबत्ता मेजर मिल्स के बीच में दिन भर में आपको ३ लीटरतक तो पानी पीना ही चाहिए ।
तीसरा सूत्र :सेहत का मंगल सूत्र है पोषक होलसम ब्रेकफास्ट .लाईट सुपाच्य डिनर .हमारा पाचन तंत्र सुबह ज्यादा सुचारू ढंग से काम करता है .रात भर इसे आराम मिला है .रिजेंरेट करने का मौक़ा मिला है अपनी कूवत को .इस समय आप डिफिकल्ट टू डाइजेस्ट फूड्स भी ले सकतें हैं .दिमागी कोशायें ऊर्जा मांग रहीं हैं रात भर के उपवास के बाद .जैसे जैसे दिन चढ़ता है,पाचन तंत्र उतना सक्षम भी नहीं रह जाता है .शाम होते होते इसकी क्षमता न्यूनतम हो जाती है इसीलिए रात का खाना हल्का ही भला .अपने शरीर की लयताल के साथ ही खाइए ,उसके अनुरूप और उतना ही खाइए . शरीर सब बताता है .हम ही अनदेखी कर जातें हैं ।
चौथा सूत्र :बाद दोपहर चार बजे (आफ्टर ४ ओ -क्लोक ).रा फ़ूड फ़र्मेंट होने लगता है चार बजे के बाद .नतीजा होता है .डकार ,अपच ,ब्लोटिंग एंड इन -डायजेशन ।
पांचवां सूत्र :शाम के ६ बजे के बाद ज़रूरी होने पर हल्का नाश्ता ही करें .ज़ाहिर है डिनर अब तक कर लें .देर से खाया गया भोजन पाचन तंत्र पर भारी पड़ता है .सुबह सवेरे नाश्ते (ब्रेकफास्ट ) के वक्त भूख भी खुलकर और अच्छी लगेगी मन पसंद खाने के लिए .
छटा सूत्र :दवाब में होने पर मत खाइए .स्ट्रेस में होने पर मन फाईट और फ्लाईट (भाग खड़े होवो या मुकाबला करो) की उधेड़ बुन में है .तमाम ऊर्जा इस वक्त दिमाग और पेशियों की और रूख किये है .पाचन तो एक तरह से इस वक्त निलंबित ही हो जाता है ।
सातवाँ सूत्र :नियमित व्यायाम ज़रूरी है .केलोरीज़ को रोज़ खर्चना ज़रूरी है .वरना चर्बी रोज़ चढ़ेगी ही .तेज़ कदमी रोजाना की काफी है .सप्ताह अंत में दौड़ना दस मील भी बेकार जाएगा ।
आठवां सूत्र :एल्केलाइन और एसिडिक प्रकृति के भोजन में एक संतुलन रखिये रोजाना .कमतर बासा ,तुरता जंक फ़ूड ,ज्यादा से ज्यादा तरकारियाँ ,नट्स और फ्रूट्स लीजिये .।
जंक ही बनता है अम्ल शूल (एसिडिटी की वजह ),अफारा ,डकार ,अपच .बुढापे की वजह भी यही कबाड़िया भोजन है .छरहरी ,कामिनी ,दिखें ताकि कोई दिनकर कहे -"सत्य ही रहता नहीं यह ध्यान ,तुम ,कविता ,कुसुम या कामिनी हो ?"एसिड -एल्केलाइन बेलेंस "कुंजी है ।
नौवां सूत्र :अपने पाचन तंत्र की अनदेखी मत कीजिये .संकेत देता है आपका पाचन तंत्र ,तृप्त होने की ।
दसवां सूत्र :गहरे रंगों के फल और तरकारियाँ (चुकंदर ,बेल -पेपर्स .लाल -पीले -नारंगी -हरे शिमला मिर्च ,ब्रोकली ,बेंगन,बादाम ,अखरोट ,बेरीज ,चैरीज़ ,शेह्तूत ,फालसा ,जामुन ,काले अंगूर ....).ज्यादा खाइए .एंटी -ओक्सिदेंट्स से भर -पूर हैं यह फल तरकारियाँ और मेवे .कैंसर ,हृद रोगों और बुढ़ाने की ख़ास वजह यही रोग -मोलिक्युल्स ,फ्री -रेडिकल्स ही बनतें हैं .
सन्दर्भ -सामिग्री :-डेली मिरर /यु /फ़ूड फेक्ट्स /मुंबई मिरर /पृष्ठ २६ ,ऑगस्ट १ ,२०१० )/ईट अवे टू वेट लोस ,फोलो दिस ईजी ,१० -स्टेप डाईट प्लान टू ट्रिम यूओर वैस्ट्लाइन विद -आउट सेइंग 'नो 'टू यूओर फेवरेट फूड्स .

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