गुरुवार, 8 जुलाई 2010

ईटिंग दिस -ऑर्डर्स के इलाज़ की ओर .....

"वर्च्युअल फ़ूड मे हेल्प ट्रीट ईटिंग दिस -ऑर्डर्स '(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ७ ,२०१० )।
एनारेक्सिया नर्वोसा ओर बुलीमियानर्वोसा के मरीजों का आहार से बड़ा ही असामान्य रिश्ता बना रहता है .एकको मुटियाने का काल्पनिक भय सालता रहता है (थेंक्स तू सो काल्ड जीरो साइज़ ...)तो दूसरे में मरीज़ बे -हद खाता रहता है ,वोमित कर देता है .खाता रहता है ,कै करता रहता है ।
इमोशनल दिस -ऑर्डर है बुलिमिया -नर्वोसा ।
साइंसदानों ने पता लगाया है ,वर्च्युअल रिएलिटी इन्वाय्रंमेंट्स में परोसा गया आहार भी मरीज़ में वैसी ही संवेगात्मक रेस्पोंस (अनुक्रिया )पैदा करता है जैसा रसोई में परोसा गया भोजन ,सच -मुच की थाली .शायद इससे इन दोनों संवेगात्मक विकारों के इलाज़ में मदद मिले ।
मरीज़ को बस यह बहाना करनाढोंग करना होगा ,स्वांग धरना होगा ,मान -समझ लेना होगा वह सच -मुचमें "एक कंप्यूटर जेनरेटिड रेस्तौरेंट में जीम रहा है ,खा, पी, रहा है ."खाने से इन मरीजों का रिश्ता सुधार का ,अनारेक्सिया ओर बुलिमिया से छुटकारे का यह बेहतरीन ओर भरोसे मन्द तरीका हो सकता है .खाने के प्रति खौफ कम हो जाए तो बात बन जाए ।
भोजन देखने से ही तो इन मरीजों का एन्ग्जायीती लेविलहद सेज्यादा बढ़ जाता है .वर्च्यु -अल - रिएलिटी एक्सपीरिएंस इनके लिए हकीकत बन सकता है ।
यह तरीका इनके इलाज़ में महज़ खाने की तस्वीरें इन मरीजों को दिखलाने से ज्यादा असर कारी पाया गया है .लेट डेम ईट इन ए वर्च्यु -अल रिएलिटी इन्वाय -रन -मेंट, इन ए कम्प्युटर -जेनरेटिड- रेस्तरा ......

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