सोमवार, 5 जुलाई 2010

जब वजन तेज़ी से गिरता चला जाए ......

जब वजन तेज़ी से गिरता चला जाए और इसका कोई प्रत्यक्ष कारण ,कोई "हारी -बीमारी"संक्रमण पकड में ना आये ,कोई लक्षण किसी भी बीमारी का साफ़ पता ना चले ,आप वजन कम करने के किसी क्रेश कोर्स से भी कोसों दूर हों ,इसकी जांच अविलम्ब होनी चाहियें ।
ऐसा होने की अनेक वजहें हो सकतीं हैं ,मसलन -इसकी वजह स्रावी- तंत्र (एन -डोक्राइन -सिस्टम )से जुड़े विकार हो सकतें हैं ।
(१)थायरोइड -ग्लेंड की अतिशय सक्रियता (ओवर एक्टिविटी ,हाई -पर -एक्टिव ,ओवर फंक्शनिंग थाय -रोइड )यानी "हाई -पर -थाय -रोइदिज़्म "हो सकती है .या फिर (२)एड्रीनल ग्लेंड की अंडर -फंक्शनिंग ,जो "ए डी डी आई एस ओ एन ,एस -(एडिसंज़ डिसीज़ ) का नतीज़ा हो सकती है ।
पहली स्थिति में केलोरीज़ खर्च करने की दर एक दम से बढ़ जाती है ,भूख बढ़ जाती है ,इधर खाया उधर हजम फिर भी वजन गिरता रहता है ,सदेंन वेट लोस ज़ारी रहता है .यानी ओवर -एक्टिव मेटाबोलिज्म ,अपचयन (चय-अपचय )तेज़ हो जाता है ।
वजन दूसरी स्थिति में भी कम होता है (अदिसंज़ डिसीज़ )लेकिन ऐसा अपेताईट कम हो जाने भूख ना लगने के बावजूद होता है .नौज़िया (चक्कर आना ),वोमिटिंग भी अक्सर देखने में आती है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-यूं आस्क (प्रिवेंसन ,जुलाई अंक ,पृष्ठ ६ ),डॉ निखिल टंडन (प्रोफ़ेसर ऑफ़ एन -दोक्राई -नोलोजी एंड मेटाबोलिज्म ,आल इंडिया इन्स्तित्युत ऑफ़ मेडिकल साइंसिज़ ,न्यू -देहली .)

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