टुर्मेरिक मे हेल्प प्रिवेंट ओस्टियो -पोरोसिस (मुंबई मिरर ,सितम्बर ३० ,२०१० ,पृष्ठ २२ /साइंस -टेक )।
अरिजोना विश्विद्यालय कोलिज ऑफ़ मेडिसन की जनेत फुंक ने हाल में अपने एक अध्ययन में हल्दी को ओस्टियो -पोरोसिस से बचाव मे सहायक माना है .खासकरउन महिलाओं में इसका विशेष महत्त्व है जिनमे रजो -निवृत्ति के बादअस्थि क्षय की शिकायत (लोस ऑफ़ बोन मॉस )आम हो जाता है ।
भारतीय रसोई का एक एहम सुगंधकारी स्वाद -वर्धक नीरोग बनाए रखने वाला मसाला रही है हल्दी .आयुर्वेद ने इसके औषधीय गुणों का खूब दोहन किया है ."स्टमक -एक" से आर्थ -राय -टिस तक इसे आजमाया गया है .(गुम चोट लगने पर गरम हल्दी के साथ दूध आज भी पिलाया जाता है .एंटी -कोएग्युलेन्त बतलाया गया है हल्दी को .खून का थक्का बनने को मुल्तवी रखती है हल्दी .धमनियों को साफ़ ।).चोट लगने पर पुल्टिस मे भी आमा हल्दी आजमाई जाती रही है ।
जिंजर प्रजाति के पादप से प्राप्त होती है हल्दी .मिर्च मसाले के अलावा आजकल खुराकी सम्पूरण के रूप मे भी उपलब्ध है हल्दी ।
स्रावी तंत्र विज्ञान की माहिर है फुंक (.इंडो -क्राइनोलोजी इज दी स्टडी ऑफ़ इंडो -क्रा -इन ग्लैंड्स एंड दी सब्स्तेंसिज़ दे सिक्रीत,हारमोंस .)ने हल्दी के सत का कई बरसों तक अध्ययनआजमाइशें की है .कुछविशेष सार(करेक्टर स्टिक एक्स -ट्रेक्ट ) तो विशेष तौर पर उनकी रिसर्च के लिए ही तैयार किये गयें हैं .
पता चला हल्दी ना सिर्फ आर्थ -राय -टिस को ही मुल्तवी रखने मे मददगार रहती है ,अस्थि कोशाओं के विकाश (बोन सेल डिव- लप- मेंट) को भी टाले रहती है .यही बोन रिसोर्प्शन (अस्थि की दोबारा ज़ज्बी ,री -एब्सोर्पशन )तथा बोन डिस -ट्रेक -शन की वजह बनती रही है .खासकर यह दुष्प्रभाव रयु-मेटिक आर्थ -राय -टिस के मामलों मे ज्यादा दिखलाई देता है हल्दी जिससे बचाए रहने में प्रभावी सिद्ध हुई है .
पोस्ट मिनोपोज़ल ओस्टियो -पोरोसिस के मामलों में हल्दी के बचावी असर की पड़ताल के लिए फुंक की टीम ने दो तरह के एक्स्ट्र -एक्ट का मूल्यांकन किया है जो व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध हैं तथा बाज़ार मे छाये हुएँ हैं ।
इनमे तीन प्रमुख कुरकु -मिनोइड्स का मिश्र मौजूद रहा है .इन्हें पोली -फीनोल्स भी कहा जाता है .इनकी हल्दी में अलग अलग मात्रा पाई जाती है .
एक सत में ४१ फीसद कुरकु -मिनोइड्स (कोम्प्लेक्स टुर्मेरिक फ्रेक्शन के रूप में )तथा दूसरे में कुरकु -मिनोइड संवर्धित टुर्मेरिक फ्रेक्शन के रोप ९४ फीसद तक कुरकु -मिनोइड्स पाए गयें हैं .तथा इसे ही सबसे ज्यादा असरकारी पाया गया है बोन मिनरल डेंसिटी लोस को रोकने मे (अस्थि लवणक्षय से बचाव मे )।
ट्राबेक्युलर बोन (दी स्पंजी ऑर पोरस बोन फाउंड इन दी स्पाइन एंड हिप ,दी टाइप्स ऑफ़ बोन एरियाज़ देट आर मोस्ट सब्जेक्ट टू फ्रेक्चर इन पोस्ट -मिनो -पोज़ल वोमेन )से बचे रहने में भी हल्दी को असरकारी पाया गया है ।
जर्नल ऑफ़ एग्री -कल्चर एंड फ़ूड केमिस्ट्री मे यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है .
शनिवार, 2 अक्तूबर 2010
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