सोमवार, 11 अक्टूबर 2010

सौतनों की आवाज़ पहचान लेतीं हैं औरतें ....

वोमेन कैन स्पोट राइवल्सबाई देयर वोईस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ११ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।

औरत के पास वाकई छटा -सेन्स होता है .अपनी सौतनों को (संभावित और निवर्तमान ) वह उनकी आवाज़ से (आवाज़ के उतार चढ़ाव ,भाव -अनुभाव ,अंदाज़ और बुलंदी ) से भांप लेतीं हैं यह "चुड़ेल"भविष्य के लिए ख़तरा बन सकती है .यह ज़रूर मेरे मर्द के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है .अठखेलियाँ कर रही है ,रास रचा रही है ।

मानव -शाश्त्रियों की एक अंतर -राष्ट्रीय टीम ने उक्त तथ्य की पुष्टि कर ली है .इस टोली की अगुवाई पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के न्रि -शास्त्रियों (एन -थ्रो -पोलोजिस्तों )ने की है .तेज़ आवाज़ जोबन की परिचायक आकर्षण आकर्षण .और रिझाव रिझाव की की aakarshan aur rijhaav ki और खुला इशारा है .

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